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तीन तलाक कानून के तहत मथुरा में दर्ज मामला, पति ने बीच सड़क पर ही पत्नी को दे दिया था तलाक

उत्तर प्रदेश में एक बार में तीन तलाक कहने को अपराध घोषित करने वाले नए कानून के तहत एक मामला दर्ज किया गया है.

Updated on: 02 Aug 2019, 12:17 PM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में एक बार में तीन तलाक कहने को अपराध घोषित करने वाले नए कानून के तहत एक मामला दर्ज किया गया है. एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी द्वारा 1 लाख रुपये दहेज की रकम की व्यवस्था करने से इनकार करने पर कथित तौर पर उसे बीच सड़क पर तलाक दे दिया. पुलिस ने यह जानकारी दी. पीड़िता की मां की शिकायत के आधार पर मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 की धारा 4 के तहत मामला दर्ज किया गया है. 

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शिकायत के अनुसार, कोसी निवासी जुमीरत की शादी मेवात के नूंह निवासी इकराम से हुई थी. इन दोनों के परिवारों में बीते कुछ समय से दहेज की रकम को लेकर विवाद चल रहा था. इस विवाद की सुनवाई पहले से ही यहां के महिला थाना में चल रही थी. दोनों पक्ष गुरुवार को मध्यस्थता के लिए आए थे. लेकिन पीड़िता की मां के अनुसार, जुमीरत के साथ अपने निकाह को बनाए रखने के लिए इकराम ने 1 लाख रुपये की मांग की. जब जुमीरत ने मांगी गई रकम को देने से मना कर दिया तो इकराम 'तलाक-तलाक-तलाक' बोल कर वहां से निकल पड़ा. मथुरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शलभ माथुर ने कहा कि पीड़िता की मां की शिकायत के आधार पर नए तीन तलाक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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बता दें कि गुरुवार को ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीन-तलाक विधेयक को मंजूरी दे दी, जिसके अंतर्गत सिर्फ तीन बार 'तलाक' बोल कर तत्काल तलाक देना अपराध की श्रेणी में आ गया है. जिसके लिए तीन साल तक की सजा दी जा सकती है. तीन-तलाक या मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2019 संसद के दोनों सदनों में पहले ही पारित हो चुका है. लोकसभा में यह विधेयक विपक्ष के विरोध के बावजूद 25 जुलाई को पारित हो गया था. विपक्ष की मांग थी कि पारित करने से पहले एक स्टैंडिंग कमेटी द्वारा इसकी समीक्षा हो. इसके बाद मंगलवार को यह विधेयक राज्यसभा में भी पारित हो गया था. उच्च सदन में बहुमत नहीं होने के बावजूद सरकार विधेयक पारित कराने में सफल रही.

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