Anamika Shukla Case in Gonda: शिक्षिका अनामिका शुक्ला मामले में BSA समेत 8 के खिलाफ केस दर्ज

Gonda: जब यह मामला उजागर हुआ तो असली अनामिका शुक्ला खुद शिक्षा विभाग पहुंचीं. उन्होंने बताया कि उनके नाम से 25 जिलों में फर्जी तरीके से नौकरी कर लोग वेतन ले रहे हैं.

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Yashodhan Sharma
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Gonda: जब यह मामला उजागर हुआ तो असली अनामिका शुक्ला खुद शिक्षा विभाग पहुंचीं. उन्होंने बताया कि उनके नाम से 25 जिलों में फर्जी तरीके से नौकरी कर लोग वेतन ले रहे हैं.

Anamika Shukla Case: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में चर्चित अनामिका शुक्ला फर्जीवाड़ा कांड एक बार फिर सुर्खियों में है. इस मामले में अब कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज कराई गई है. गोंडा पुलिस ने अनामिका शुक्ला समेत आठ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. इन पर आरोप है कि इन्होंने शिक्षा विभाग में मिलीभगत कर करोड़ों रुपये के वेतन का फर्जीवाड़ा किया.

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2017 से शुरू हुआ खेल

यह पूरा मामला वर्ष 2017 से जुड़ा है. तब अनामिका शुक्ला के नाम से प्रदेश के अलग-अलग जिलों के 25 कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में नौकरी दिखाकर वेतन निकाला जाने लगा. शिक्षा विभाग के मुताबिक, दिसंबर 2017 से जून 2020 तक लगातार करोड़ों रुपये का वेतन बांटा गया. 2020 में मामला सामने आने पर सरकार ने जांच के आदेश दिए और फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ.

एफआईआर में कई बड़े नाम शामिल

इस मामले में जिन लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है, उनमें बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार तिवारी, तत्कालीन वित्त एवं लेखाधिकारी सिद्धार्थ दीक्षित, क्लर्क सुधीर सिंह, अनुपम पांडे और भैया चंदन दत्त स्मारक स्कूल के मैनेजर दिग्विजयनाथ पांडे शामिल हैं. इन सभी पर संगठित गिरोह बनाकर शैक्षिक डिग्रियों का दुरुपयोग कर फर्जी नियुक्तियां करने और सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये निकालने का आरोप है.

शिकायतकर्ता ने लगाए गंभीर आरोप

इस घोटाले की शिकायत प्रदीप कुमार पांडे ने अदालत में की थी. उनका कहना है कि बेसिक शिक्षा विभाग में संगठित गिरोह सक्रिय है, जो बेरोजगार युवाओं की डिग्रियों का गलत इस्तेमाल कर सरकारी नौकरियों में फर्जी नियुक्तियां करता है. शिकायतकर्ता ने दावा किया कि गोंडा समेत प्रदेश भर में इस घोटाले से करोड़ों रुपये का गबन हुआ.

असली अनामिका शुक्ला भी पहुंचीं सामने

जब यह मामला उजागर हुआ तो असली अनामिका शुक्ला खुद शिक्षा विभाग पहुंचीं. उन्होंने बताया कि उनके नाम से 25 जिलों में फर्जी तरीके से नौकरी कर लोग वेतन ले रहे हैं. वहीं जांच में यह भी सामने आया कि खुद अनामिका शुक्ला 2017 से भैया चंदन दत्त लघु माध्यमिक विद्यालय में तैनात थीं और वहीं से वेतन ले रही थीं. इसके बावजूद 2020 में उनकी फिर से नियुक्ति दिखा दी गई.

अब होगी कड़ी जांच

फर्जीवाड़े का मामला उजागर होने के बाद शिक्षा विभाग ने अनामिका शुक्ला की नियुक्ति पर रोक लगा दी. अब एसटीएफ इस पूरे मामले की नए सिरे से जांच कर रही है. माना जा रहा है कि आगे और भी नाम सामने आ सकते हैं.

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