भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का शुभारंभ, ओडिशा के मुख्यमंत्री माझी बोले- सर्व कल्याण की प्रार्थना करता हूं
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने विरोधी पार्टी डेमोक्रेट्स पर खुफिया रिपोर्ट लीक करने का आरोप लगाया
राजनाथ सिंह ने चीनी रक्षा मंत्री से मुलाकात की, कहा- दोनों पक्षों को सकारात्मक गति बनाए रखनी चाहिए
Dpboss Kalyan Satta Matka Result 27 June 2025: दिन निकलते ही इन नंबर वालों पर मां लक्ष्मी ने बरसाई कृपा, बन गए मालामाल
हमास हमले पर बनी 'वी विल डांस अगेन' डॉक्यूमेंट्री ने जीता एमी अवॉर्ड
पंजाब : बटाला में गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया की मां और एक युवक की हत्या
नोएडा की केमिकल कंपनी में लगी भीषण आग, दमकल की 12 गाड़ियां पहुंची घटनास्थल
महाप्रभु हमारे लिए अराध्य भी हैं, प्रेरणा भी हैं, जगन्नाथ हैं, तो जीवन है: पीएम मोदी
Jagannath Rath Yatra LIVE: भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा आज, पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं, अहमदाबाद में अमित शाह ने की मंगला आरती

देश में मंदी के बीच कालीन उद्योग जबरदस्त तरक्की कर रहा है

देश मे मंदी को लेकर विपक्ष के आरोपों से घिरी मोदी सरकार के लिए कालीन उद्योग से राहत की खबर है. कालीन निर्यात में नई ऊंचाइयों को छूते हुए यह उद्योग अब 12 हजार 365 करोड़ का हो गया है.

देश मे मंदी को लेकर विपक्ष के आरोपों से घिरी मोदी सरकार के लिए कालीन उद्योग से राहत की खबर है. कालीन निर्यात में नई ऊंचाइयों को छूते हुए यह उद्योग अब 12 हजार 365 करोड़ का हो गया है.

author-image
Yogendra Mishra
एडिट
New Update
देश में मंदी के बीच कालीन उद्योग जबरदस्त तरक्की कर रहा है

प्रतीकात्मक फोटो।( Photo Credit : फाइल फोटो)

देश मे मंदी को लेकर विपक्ष के आरोपों से घिरी मोदी सरकार के लिए कालीन उद्योग से राहत की खबर है. कालीन निर्यात में नई ऊंचाइयों को छूते हुए यह उद्योग अब 12 हजार 365 करोड़ का हो गया है. साथ ही एक वर्ष में इस उद्योग से बारह सौ करोड़ के निर्यात की बढोत्तरी हुई है. मार्च 2019 तक का यह आंकड़ा देश की कालीन निर्यात सम्वर्धन परिषद द्वारा जारी किया गया है. जो कालीन उद्योग में अब तक के निर्यात में सबसे अधिक है. अन्य क्षेत्रों में जहां मंदी का दौर चल रहा है वहीं कालीन उद्योग के निर्यात में बढोत्तरी से निर्यताको में खुशी का माहौल है.

Advertisment

यह भी पढ़ें- सहारनपुर में स्कूली बच्चों से भरे टेंपो को बस ने मारी टक्कर, एक छात्र की मौत 

पूरे विश्व में हस्तनिर्मित कालीन बनाने वाले कई देशों के सामने मशीनमेड कालीनों के कारण हस्तनिर्मित कालीनों का काम ठप हो रहा है. इसका सबसे बड़ा कारण है उन देशों में लेबर कॉस्ट अधिक हो जाना. चाइना पहले खुद हस्तनिर्मित कालीन बनाता था लेकिन अब यह काम वहां पूरी तरह ठप हो गया है. इसके कॉटन चाइना जैसे और कई देश खुद भारत से कालीनों का आयात कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें- सपा का बीजेपी पर निशाना, कहा- उत्तर प्रदेश बना 'ठोको प्रदेश' 

इससे निर्यात बढ़ाने में मदद मिल रही है. वर्तमान में भारत के अलावा ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान जैसे देश हस्तनिर्मित कालीन बना रहे हैं. लेकिन बेहतरीन बुनकरी के साथ-साथ सरकार द्वारा दूसरे देशों से बनाये गए मैत्रीपूर्ण सम्बन्धो और यहां की कालीनों की ब्रांडिंग के कारण विश्व के 56 से अधिक देश भारतीय कालीनों का आयात कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश में पुलिस और बदमाशों में मुठभेड़, 25 हजार का इनामी बदमाश गिरफ्तार

इसे लेकर निर्यताकों ने सरकार को बधाई देते हुए निर्यात में हुई जबदस्त बढोत्तरी का स्वागत किया है. निर्यताकों का कहना है कि पिछले वर्ष पीएम मोदी ने कालीन निर्यात को दोगुना करने का टारगेट दिया था और सरकार का सहयोग मिलता रहेगा तो 2022 तक कालीन निर्यात 20 हजार करोड़ से अधिक हो सकता है.

यह भी पढ़ें- दीपावली से पहले 14 लाख कर्मचारियों को यूपी सरकार ने दी बोनस की सौगात, शासनादेश जारी

भारत मे भदोही, वाराणसी, मिर्जापुर, जयपुर, बीकानेर, पानीपत, आगरा, कश्मीर सहित अन्य क्षेत्रों में हस्तनिर्मित कालीनों का निर्माण किया जाता रहा है. अब साउथ और नोएडा नए सेंटर के तौर पर उभर रहे हैं. इससे पूरे देश मे लगातार निर्यात में बढोत्तरी हो रही है. इसे लेकर कालीन निर्यात सम्वर्धन परिषद के चेयरमैन सिद्धनाथ सिंह ने कहा कि पूरे देश मे उद्योग का बढ़ना अच्छा है लेकिन यूपी में भी निर्यात बढ़े इसपर जोर देने की जरूरत है.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

hindi news latest-news Economic Slowdown Carpet Industry
      
Advertisment