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उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव : बीजेपी ने रद्द किया कुलदीप सेंगर की पत्नी का टिकट

उत्तर प्रदेश में विपक्ष के हमले के बाद दुष्कर्म के मामले में सजायाफ्ता कुलदीप सेंगर की पत्नी संगीता सेंगर को पंचायत चुनाव में दिए गए टिकट को भारतीय जनता पार्टी ने रद्द कर दिया है.

Updated on: 11 Apr 2021, 03:59 PM

highlights

  • कुलदीप सेंगर की पत्नी का टिकट रद्द
  • BJP ने दिया था संगीता सेंगर को टिकट
  • UP पंचायत चुनाव में बनाया था प्रत्याशी

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में विपक्ष के हमले के बाद दुष्कर्म के मामले में सजायाफ्ता कुलदीप सेंगर (Kuldeep Sengar) की पत्नी संगीता सेंगर को पंचायत चुनाव में दिए गए टिकट को भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने रद्द कर दिया है. उत्तर प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह (Swatantra Dev Singh) ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि पार्टी ने कुलदीप सेंगर की पत्नी संगीता सेंगर (Sangeeta Sengar) की उम्मीदवारी को रद्द कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव (UP Panchayat Election) के बीजेपी उम्मीदवारों की सूची में कुलदीप सेंगर की पत्नी संगीता सेंगर का नाम था.

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बीजेपी से निष्कासित किए जाने के करीब डेढ़ साल बाद पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की पत्नी संगीता सेंगर को आगामी पंचायत चुनावों के लिए टिकट दिया गया था. संगीता को फतेहपुर चौरासी से उन्नाव जिला पंचायत के लिए उम्मीदवार बनाया गया था. इसको लेकर समाजवादी पार्टी ने शनिवार को बीजेपी पर निशाना साधा. सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आशुतोष वर्मा ने कहा कि बीजेपी पिछले रास्ते से अपराधियों को बढ़ावा देना चाहती है. उन पर एक्शन लेने के बजाय उन्हें टिकट देकर प्रोत्साहित किया गया. हालांकि विपक्ष के सवाल उठाने के बाद बीजेपी ने कुलदीप सेंगर की पत्नी का टिकट कैंसिल किया है.

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इससे पहले 2016 के पंचायत चुनावों में संगीता मियागंज तृतीय सीट से निर्वाचित हुई थीं. 2016 के चुनाव में खींचतान के बीच लॉटरी सिस्टम से संगीत विजयी हुईं थीं. गौरतलब हो कि कुलदीप सिंह सेंगर उन्नाव की बांगरमऊ से बीजेपी के टिकट पर विधायक रह चुके हैं. साल 2017 में उन्नाव के चर्चित दुष्कर्म कांड में कुलदीप सिंह सेंगर को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद उन्हें अगस्त 2019 में बीजेपी ने पार्टी से बाहर कर दिया था और फिर बाद में उनकी विधानसभा की सदस्यता भी समाप्त कर दी गई थी. पिछले साल कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को दुष्कर्म और अपहरण के मामले में दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी.