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CAA Protest: उत्तर प्रदेश के कई बड़े जिलों में इंटरनेट सेवा ठप, यहां देखें अपने शहर की स्थिति

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसा फैलने से रोकने के प्रयास में उत्तर प्रदेश के कई बड़े शहरों में अभूतपूर्व कार्रवाई करते हुए इंटरनेट सेवा अस्थाई तौर पर बंद कर दी गई है.

Updated on: 20 Dec 2019, 06:42 PM

दिल्ली:

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसा फैलने से रोकने के प्रयास में उत्तर प्रदेश के कई बड़े शहरों में अभूतपूर्व कार्रवाई करते हुए इंटरनेट सेवा अस्थाई तौर पर बंद कर दी गई है, वहीं पश्चिम बंगाल तथा कर्नाटक के कुछ संवेदनशील शहरों में भी इस तरह की कार्रवाई की गई है. दूरसंचार कंपनियों के अधिकारियों ने कहा कि उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार के आदेश के बाद लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद, आगरा, अलीगढ़, गाजियाबाद, वाराणसी, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, बरेली, फिरोजाबाद, पीलीभीत, रामपुर, सहारनपुर, शामली, संभल, अमरोहा, मऊ, आजमगढ़ और सुल्तानपुर समेत कई बड़े शहरों में मोबाइट इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गई है.

लखनऊ और गाजियाबाद समेत कुछ शहरों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है. उत्तर प्रदेश सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने 19 दिसंबर को जारी आदेश में कहा कि एसएमएस और व्हाट्सऐप जैसी संदेश प्रणालियों तथा फेसबुक एवं यूट्यूब जैसी सोशल मीडिया प्रणालियों का इस्तेमाल भावना भड़काने वाली तस्वीरें, वीडियो और संदेश भेजने के लिए व्यापक तौर पर होने की आशंका है.

उन्होंने कहा कि इसके मद्देनजर मैसेजिंग प्लेटफॉर्म तथा इंटरनेट के संभावित दुरुपयोग को रोकने के लिए एवं शहर के अमन चैन को बनाए रखने के लिए सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं की एसएमएस संदेश और मोबाइल इंटरनेट-डेटा सेवाएं को 19 दिसंबर अपराह्न तीन बजे से अगले 45 घंटे के लिए अस्थाई रूप से टालने का आदेश दिया गया है. पश्चिम बंगाल में इसी तरह की कार्रवाई के मद्देनजर मालदा, मुर्शिदाबाद, हावड़ा, बरासात, उत्तरी दिनाजपुर, बरुईपुर, कानिंग एवं नदिया में मोबाइल इंटरनेट को रोक दिया गया है.

कर्नाटक में दक्षिण कन्नड तथा मंगलोर शहर में इंटरनेट सेवाएं स्थगित कर दी गई हैं. राष्ट्रीय राजधानी के कुछ हिस्सों में भी इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गई है. तीनों बड़े सेवा प्रदाताओं भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया तथा रिलायंस जियो ने सरकार के निर्देश के बाद यह कार्रवाई की है. भारती एयरटेल के अध्यक्ष सुनील मित्तल ने गुरुवार को कहा था कि उनकी कंपनी ने इस संबंध में सरकार के निर्देशों का पालन किया है.

इससे पहले राजधानी में दिल्ली पुलिस के आदेश पर इंटरनेट को इतने बड़े स्तर पर बंद नहीं किया गया. 2012 के निर्भया कांड के बाद भी राजधानी में बड़े स्तर पर प्रदर्शन हुए थे. उससे पहले अन्ना हजारे के आंदोलन में भी लाखों लोग उमड़े थे, लेकिन इंटरनेट पर किसी तरह की रोकथाम नहीं थी.