रामपुर. उत्तर प्रदेश पुलिस ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में हुई हिंसा और तोड़फोड़ करने वाले प्रदर्शनकारियों की पहचान करनी शुरू कर दी है. पुलिस ने 150 प्रदर्शनकारियों की पहचान की है जो इस हिंसा में शामिल थे. इन प्रदर्शनकारियों में समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान का एक करीबी सहयोगी भी शामिल था. पुलिस ने आंकलन लगाया है कि हिंसा में 15 लाख रुपये का घाटा हुआ था. इस हिंसा में जो भी शामिल हैं, उनकी संपत्तियों से ही भरपाई की जाएगी. शनिवार को हुई हिंसा में 22 साल के एक युवक की मौत हो गई थी.
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दूसरी तरफ प्रदेश सरकार ने हिंसक प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू कर दी है. कानून के विरोध में बस फूंकने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों पर सख्ती दिखानी शुरु कर दी है. मुजफ्फरनगर में पुलिस ने इनाम इलाही पुत्र नसीम अहमद, खालापार मीनाक्षी चौक मुज़फ्फरनगर पर सरकारी संपत्ति तोड़ने के जुर्म में 7,07,445 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इस बाबत उनकी दुकान मैसर्स क्यूजे इंटरप्राइजेज जब्त कर ली गयी है. इसके साथ ही कुर्की का नोटिस भी चस्पा किया गया है.
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योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री मंत्री श्रीकांत शर्मा ने सख्त कार्रवाई की बात कही है. कैबिनेट मीटिंग के बारे में मंगलवार को जानकारी देने के बाद उन्होंने कहा कि सभी दंगाईयों के वीडियो और सीसीटीवी फुटेज पुलिस के पास हैं. हिंसा के दौरान जिन-जिन लोगों ने बवाल काटा है उन्हें चिन्हित किया जा रहा है. जैसे ही लोग पहचान में आते हैं उनके खिलाफ सरकार कार्रवाई करेगी. षड्यंत्र के तहत लखनऊ और प्रदेश को जलाने की साजिश रची गई. उपद्रवियों ने प्रदेश में हिंसा फैलाने का पूरा प्रयास किया. लेकिन उनकी मंशा पूरी तरह फ्लॉप हो गई. कई राजनीतिक दलों की जमीन पूरी तरह खिसक गई है, वह लोगों को बरगला रहे हैं. यह संपत्ति और प्रदेश हम सबका है. कोई भी उपद्रवी अगर उसे जलाने का प्रयास करेगा उन पर कार्रवाई की जाएगी. उनके आकाओं को भी खोजा जा रहा है.
Source : News Nation Bureau