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सदफ जफर और एसआर दारापुरी सहित 12 आरोपियों को जमानत, समर्थन में उतरीं थी प्रियंका गांधी

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में लखनऊ में हुई हिंसा मामले में पूर्व आईएएस एसआर दारापुरी, सदफ जफर और पवन अंबेडकर समेत 12 लोगों को 50-50 हज़ार के मुचलके पर जमानत मिल गई है.

Updated on: 04 Jan 2020, 05:58 PM

लखनऊ:

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में लखनऊ में हुई हिंसा मामले में पूर्व आईएएस एसआर दारापुरी, सदफ जफर और पवन अंबेडकर समेत 12 लोगों को 50-50 हज़ार के मुचलके पर जमानत मिल गई है. इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई के बाद एडीजे संजय शंकर पांडेय ने ऑर्ड्र रिजर्व कर लिया था. जमानत मिलने के बाद जल्द इनकी जेल से रिहाई हो सकती है. 

इन्हें 19 दिसंबर को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन करने को लेकर गिरफ्तार किया गया था. सत्र न्यायालय द्वारा जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद वे जिला अदालत में सुनवाई के लिए पहुंचे थे. इसके बाद हजरतगंज पुलिस ने जफर व अन्य पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था, जिसमें प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रापर्टी एक्ट 1984 व क्रिमिनल लॉ (अमेंडमेंट) एक्ट, 1932 भी शामिल है.

जफर के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें उसकी गिरफ्तारी को अवैध बताया गया. हाईकोर्ट ने गुरुवार को राज्य सरकार से इस याचिका पर दो हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने जफर व सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी दारापुरी की गिरफ्तारी को लेकर उप्र सरकार की निंदा की और कहा कि उप्र सरकार ने 'अमानवता की सभी हदें पार' कर दीं. जफर के दो नाबालिग बच्चे हैं. प्रियंका गांधी बीते सप्ताह लखनऊ में जफर व दारापुरी के घर गई थीं. 19 दिसंबर के प्रदर्शन के बाद से 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जाने-माने मानव अधिकार के वकील मोहम्मद शोएब व दारापुरी को भी सीएए के विरोध करने को लेकर गिरफ्तार किया गया था.