नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ 15 दिसंबर को AMU में हुई हिंसा मामले में पुलिस ने 10 हजार से अधिक अज्ञात छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. पुलिस का कहना है कि यह छात्र सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शन मेंं शामिल थे. पुलिस वीडियो और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मामले की जांच कर रही है. पुलिस का कहना है कि सभी आरोपियों की पहचान की जा रही है. इससे पहले डीजीपी ओपी सिंह साफ कर चुके हैं कि किसी बेगुनाह को नहीं पकड़ा जाएगा लेकिन दोषियों को बख्शा भी नहीं जाएगा.
नागरिकता संशोधन के विरोध में पिछले दिनों यूपी के कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन हुआ. इस प्रदर्शन में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया. जिसके बाद योगी सरकार ने ऐलान किया कि जो भी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है उसे चिन्हित करके उसकी संपत्ति से वसूला जाएगा. इसकी क्रम में ऐसे लोगों को पहचानने का काम शुरू हो गया जिन्होंने सरकार संपत्ति को नुकसान पहुंचाया.
यूपी में हिंसा के दौरान हुए नुकसान को लेकर अलग-अलग ज़िलों में कुल 498 लोगों को क्षतिपूर्ति के लिए चिन्हित किया गया. इसमें लखनऊ में 82, मेरठ में 148, संभल में 26, रामपुर में 79, फ़िरोज़ाबाद में 13, कानपुर नगर में 50, मुजफ्फरनगर में 73, मऊ में 8 और बुलंदशहर में 19 लोगों को चिन्हित किया गया है. अब इनसे संपत्ति के नुकसान की क्षतिपूर्ति ली जाएगी.
बता दें कि सीएए के विरोध के दौरान उपद्रवियों ने पत्थर फेंक कर तोड़फोड़ किया. कई जगहों पर बसों में आग लगा दी. पुलिस चौकी तक फूंक दी.
इधर, यूपी सरकार द्वारा जिन लोगों को नोटिस जारी किए हैं उन्हें 50 लाख रुपये अदा करने को कहा गया है. यदि वह ऐसा नहीं करते हैं तो उनकी संपत्ति को कुर्क कर दिया जाएगा.
ऐसे में माना जा रहा प्रदर्शनकारियों द्वारा सीएए के विरोध-प्रदर्शन की आड़ में उपद्रियों द्वारा की जा रही आगजनी और तोड़फोड़ पर लगाम लगेगी.
Source : News Nation Bureau