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बुंदेलखंड के कठिया गेंहू को मिलेगी राष्ट्रीय पहचान: कृषि मंत्री

उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में कठिया गेंहू राष्ट्रीय पहचान दिलाने की कवायद जारी है. इसके लिए अब उसे जीआई टैग (भौगोलिक संकेतक) से लैस किया जाएगा. जिससे यहां जुड़े किसानों को ज्यादा से ज्यादा फायदा दिलाया जा सके.  कठिया गेहूं को बुंदेलखंड का खास कृषि उत्पाद माना जाता है. इसे पूरी तरह जैविक माना जाता है. इस नाते कठिया गेहूं से बना दलिया काफी लोकप्रिय भी है लेकिन, उपज कम होने से इसके उत्पादन में किसान अधिक दिलचस्पी नहीं लेते हैं. कम रकबे में ही इसकी बुवाई होती है लेकिन, सरकार ओडीओपी की तर्ज पर प्रत्येक जनपद के एक कृषि उत्पाद को भी बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है.

Updated on: 12 Nov 2022, 03:47 PM

झांसी:

उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में कठिया गेंहू राष्ट्रीय पहचान दिलाने की कवायद जारी है. इसके लिए अब उसे जीआई टैग (भौगोलिक संकेतक) से लैस किया जाएगा. जिससे यहां जुड़े किसानों को ज्यादा से ज्यादा फायदा दिलाया जा सके.  कठिया गेहूं को बुंदेलखंड का खास कृषि उत्पाद माना जाता है. इसे पूरी तरह जैविक माना जाता है. इस नाते कठिया गेहूं से बना दलिया काफी लोकप्रिय भी है लेकिन, उपज कम होने से इसके उत्पादन में किसान अधिक दिलचस्पी नहीं लेते हैं. कम रकबे में ही इसकी बुवाई होती है लेकिन, सरकार ओडीओपी की तर्ज पर प्रत्येक जनपद के एक कृषि उत्पाद को भी बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है.

झांसी में किसान उत्पादक संगठन एफपीओ बनाकर कठिया गेंहू के उत्पादन से जुड़े किसानों को इससे जोड़ा जा रहा है, जिससे उन्हें उपज का बेहतर मूल्य मिल सके. इसके साथ ही बुंदेलखंड के कठिया गेंहू को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की कवायद चल रही है. झांसी में कटिया वीट बंगरा प्रोड्यूसर लिमिटेड कम्पनी का गठन कर योगी सरकार किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. कम्पनी के माध्यम से कठिया गेंहू को जीआई टैग दिलाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है.

कठिया गेंहू को प्रोत्साहित करने के लिए बनाये गए एफपीओ से अभी तक चार सौ अधिक किसान जोड़े गए हैं. झांसी में बंगरा, बामौर, गुरसराय, मऊरानीपुर सहित आसपास के क्षेत्रों में किसान बड़ी संख्या में कठिया गेंहू की पैदावार करते हैं. इसके अलावा बुंदेलखंड के अन्य जनपदों में भी बड़ी संख्या में किसान कठिया गेंहू की पैदावार से जुड़े हैं. एफपीओ के तहत कठिया गेंहू की बेहतर मार्केटिंग और इसके उत्पाद तैयार करने के भी प्रयास हो रहे हैं.

कठिया वीट बंगरा प्रोड्यूसर लिमिटेड कम्पनी के निदेशक और कठिया गेंहू के उत्पादक नत्थू सिंह तोमर ने बताया कि झांसी के कई गांव में कठिया गेंहू की देसी किस्में उपजाई जाती हैं. सरकार इसकी खेती को बढ़ावा देना चाहती है. हम अपनी कम्पनी के माध्यम से किसानों को प्रेरित कर रहे हैं. हमने जीआई टैग के लिए पिछले वर्ष प्रक्रिया शुरू की थी और जल्द प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है. झांसी के मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद ने बताया कि सरकार किसानों की आमदनी को दोगुना करना चाहती है. इस क्षेत्र में कठिया गेंहू की अच्छी पैदावार होती है और इसे प्रोत्साहित करने के लिए एफपीओ बनाया गया है.