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फिरोजाबाद में प्रदर्शन के दौरान पुलिस कर्मी को लगी गोली, बुलेट प्रूफ जैकेट को पार करके पर्स में फंसी

फिरोजाबाद की गोलीबारी में गोली एक पुलिस वाले को भी लगी. खबर है कि गोली सीधे बुलेट प्रूफ जैकेट को भेद गई. लेकिन कहते हैं न, 'जाको राखे साइयां, मार सके न कोय'. गोली जैकेट के जेब में रखे पर्स में फंस गई.

Updated on: 22 Dec 2019, 10:17 AM

फिरोजाबाद:

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में पूरे देश समेत उत्तर प्रदेश में हिंसक प्रदर्शन हुआ. उत्तर प्रदेश में शुक्रवार को हिंसक प्रदर्शन हुआ वहीं कई जिलों में शनिवार को भी प्रदर्शन जारी रहा. कानपुर और फिरोजाबाद में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच फायरिंग हुई. फिरोजाबाद में गोली लगने से एक की मौत हो गई वहीं सात लोग घायल हो गए.

इस गोलीबारी के बीच एक चौंका देने वाली घटना सामने आ रही है. फिरोजाबाद की गोलीबारी में गोली एक पुलिस वाले को भी लगी. खबर है कि गोली सीधे बुलेट प्रूफ जैकेट को भेद गई. लेकिन कहते हैं न, 'जाको राखे साइयां, मार सके न कोय'. गोली जैकेट के जेब में रखे पर्स में फंस गई. शायद अगर पर्स न होता तो गोली सीधे सीने में घुस जाती.

शुक्रवार को हुए प्रदर्शन में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच फायरिंग में एक गोली पुलिस कॉन्सटेबल विजेंद्र कुमार को लगी. प्रदर्शन के दौरान गोली उनके बुलेट प्रूफ जैकेट से होते हुए उनके पर्स में जाकर फंस गई. इस चौंकाने वाले मामले पर विजेंद्र का कहना है कि 'यह उनका दूसरा जन्म है'.

ऐसे बुलेटप्रूफ जैकेट का क्या फायदा

प्रदर्शन के दौरान अगर एक बुलेट प्रूफ जैकेट को गोली भेद कर निकल जा रही है तो इससे ज्यादा चौंकाने वाला कुछ भी नहीं. वह पुलिस वाले जो सुबह से शाम तक जनता की सुरक्षा में लगी रहती है उसी की जान सुरक्षित नहीं है. किसी भी बवाल के दौरान गोली चल सकती है. इसे देखते हुए पुलिसकर्मी बुलेट प्रूफ जैकेट पहनते हैं. लेकिन फिरोजाबाद में हुई घटना से तो ऐसा लग रहा है जैसे उत्तर प्रदेश पुलिस के पास जो बुलेट प्रूफ जैकेट हैं वो किसी काम की नहीं हैं. फिरोजाबाद की घटना के बाद यह सवाल भी बनता है कि क्या जनता की सुरक्षा करने वाले सुरक्षित हैं या नहीं.