नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) को लेकर देश भर में हो रहे प्रदर्शनों और उसके कारण हो रही हिंसा के मद्देनजर सोमवार को विपक्षी दलों की बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में बसपा ने शामिल होने से मना कर दिया है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट करके इस बारे में जानकारी दी. आपको बता दें कि बसपा के इस बैठक में न शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं. क्योंकि जब विपक्षी दल राष्ट्रपति से मिला था उस वक्त भी बसपा साथ में नहीं थी. हालांकि बाद में बसपा ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात की थी.
बसपा सुप्रीमो ने सोमवार को ट्वीट करके कहा कि 'जैसाकि विदित है कि राजस्थान कांग्रेसी सरकार को बीएसपी का बाहर से समर्थन दिये जाने पर भी, इन्होंने दूसरी बार वहाँ बीएसपी के विधायकों को तोड़कर उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है जो यह पूर्णतयाः विश्वासघाती है.'
दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा कि 'ऐसे में कांग्रेस के नेतृत्व में आज विपक्ष की बुलाई गई बैठक में बीएसपी का शामिल होना, यह राजस्थान में पार्टी के लोगों का मनोबल गिराने वाला होगा. इसलिए बीएसपी इनकी इस बैठक में शामिल नहीं होगी.'
आखिरी ट्वीट में बसपा सुप्रीमो ने कहा कि 'वैसे भी बीएसपी CAA/NRC आदि के विरोध में है. केन्द्र सरकार से पुनः अपील है कि वह इस विभाजनकारी व असंवैधानिक कानून को वापिस ले. साथ ही, JNU व अन्य शिक्षण संस्थानों में भी छात्रों का राजनीतिकरण करना यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण.'
Source : News Nation Bureau