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क्या 2007 के फॉर्मूले से 2022 में यूपी का किला फतह करेगी BSP

बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने अमरोहा के सांसद दानिश अली (Danish Ali) को लोकसभा में संसदीय दल का नेता के पद से हटाकर अंबेडकरनगर से सांसद रितेश पांडे (Ritesh Pandey) को यह पद दिया है.

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Yogendra Mishra
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मायावती( Photo Credit : फाइल फोटो)

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बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने अमरोहा के सांसद दानिश अली (Danish Ali) को लोकसभा में संसदीय दल का नेता के पद से हटाकर अंबेडकरनगर से सांसद रितेश पांडे (Ritesh Pandey) को यह पद दिया है. साथ ही उपनेता के तौर पर मायावती ने बिजनौर के सांसद मलूक नागर को नियुक्त किया है. यह चौथी बार है जब बसपा ने अपने संसदीय दल के नेता को बदला है. इस नए बदलाव से बसपा 2007 के फार्मूले पर लौटती दिख रही है. इस बदलाव को मायावती का एक सधा हुआ सियासी कदम माना जा रहा है.

दरअसल मायावती सोशल इंजीनियरिंग का संदेश दे रही हैं. लोकसभा में रितेश पांडेय और राज्यसभा में सतीश चंद्र मिश्रा को सदन का नेता बनाना ब्राह्मण वोटर्स को लुभाने के तौर पर देखा जा रहा है. लोकसभा में उपनेता मलूक नागर गजर पिछड़े तो मुख्य सचेतक गिरीश चंद दलित हैं. इसी तरह उत्तर प्रदेश विधान परिषद में नेता सदन दिनेश चंद दलित हैं और उपनेता सुरेश कश्यप पिछड़े समाज से आते हैं. विधानपरिषद में मुख्य सचेतक धर्मवीर अशोक और सचेतक अतर सिंह राव दोनों ही दलित हैं. जिससे की बेस वोट को साध कर रखा गया है.

यह भी पढ़ें- जन्मदिन के मौके पर मायावती का निशाना, कहा- 'कांग्रेस और बीजेपी एक ही थाली के चट्टे-बट्टे'

इसी तरह विधानसभा में नेता सदन लालजी वर्मा पिछड़े और उपनेता ठाकुर हैं. 2007 में मायावती ने दलित, पिछड़े, क्षत्रिय और ब्राह्मण समाज को महत्व देकर चुनाव जीता था. बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष मुनकाद अली बने रहेंगे. माना जा रहा है कि ये सभी बदलाव प्रदेश अध्यक्ष और लोकसभा में नेता सदन का एक ही समुदाय से जुड़े होने के कारण किया गया है. 2022 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर बीएसपी फिर से 2007 का फार्मूला बनाती दिख रही है.

मायावती ने ट्वीट करके नेता सदन बदले जाने की जानकारी दी थी. उन्होंने कहा था 'बी.एस.पी. में सामाजिक सामंजस्य बनाने को मद्देनज़र रखते हुये लोकसभा में पार्टी के नेता व उत्तर प्रदेश के स्टेट अध्यक्ष भी, एक ही समुदाय के होने के नाते इसमें थोड़ा परिवर्तन किया गया है.' आगे उन्होंने कहा कि 'अर्थात् अब लोकसभा में बी.एस.पी. के नेता श्री रितेश पाण्डे को व उपनेता श्री मलूक नागर को बना दिया गया है. लेकिन उत्तर प्रदेश स्टेट के अध्यक्ष श्री मुनकाद अली अपने इसी पद पर बने रहेंगे.' अंत में मायावती ने कहा कि 'साथ ही, यहाँ उत्तर प्रदेश विधानसभा में बी.एस.पी. के नेता श्री लालजी वर्मा, पिछड़े वर्ग से व विधान परिषद में बी.एस.पी. के नेता श्री दिनेश चन्द्रा, दलित वर्ग से बने रहेंगे अर्थात् यहाँ कुछ भी परिवर्तन नहीं किया गया है.'

Source : Yogendra Mishra

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