/newsnation/media/post_attachments/images/2018/09/20/rty-42.jpg)
उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने हनीट्रैप में फंस कर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने वाले बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) के जवान को बुधवार को गौतमबुद्धनगर (नोएडा) से गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया जवान मध्य प्रदेश के रीवा जिले का रहने वाला है। उसने शुरुआती पूछताछ में अपना जुर्म स्वीकार करते हुए बीएसएफ और सेना के प्रशिक्षण केन्द्रों की सूचनाएं व खुफिया जानकारी देने की बात कबूली है। उ.प्र. के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने बुधवार को प्रेस कान्फ्रेंस कर बताया कि एटीएस ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की एजेंट के साथ गोपनीय सूचनाएं साझा करने के आरोप में बीएसएफ के कांस्टेबल अच्युतानंद मिश्रा को बुधवार को गौतमबुद्ध नगर के नोएडा सेक्टर-18 से गिरफ्तार किया है।
उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में रीवा के रहने वाले अच्युतानंद मिश्रा को देश की गोपनीय और संवेदनशील सूचनाएं आईएसआई के साथ साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। सिपाही अच्युतानंद वर्ष 2006 में बीएसएफ में भर्ती हुआ था और शादीशुदा सिपाही वर्ष 2016 में उस वक्त हनीट्रैप का शिकार हुआ, जब उसने खुद को सेना का रिपोर्टर बताने वाली महिला से फेसबुक पर दोस्ती की। आरोपी सिपाही ने उस महिला मित्र का नाम अपने फोन पर 'पाकिस्तानी दोस्त' के नाम से सेव किया है और उसकी बातों में आकर कई गोपनीय सूचनाएं (यूनिट की लोकेशन, शस्त्र गोला बारूद का विवरण, बीएसएफ परिसर के फोटो और वीडियो) देना शुरू कर दिया।
इस बारे में मिलेट्री इंटेलीजेंस की चंडीगढ़ इकाई ने एटीएस को सूचना दी थी। जिसके बाद 17 और 18 सितम्बर को नोएडा में एटीएस और बीएसएफ के अधिकारियों ने उससे पूछताछ की और उसके डाटा को एक्सट्रैट किया। जिसके आधार पर मिश्र को आफिशियल सिक्रेट एक्ट के तहत गलत पाया गया।
डीजीपी ने बताया कि शुरुआती पूछताछ में मिश्र ने अपना जुर्म स्वीकार किया है कि उसने बीएसएफ और सेना की सूचनाएं आईएसआई को दी हैं। उन्होंने बताया कि मिश्र के बैंक के खातों को भी खंगाला जा रहा है। इससे पता चलेगा कि मिश्र ने सूचनाएं साझा करने के बदले आईएसआई से धन लिया है या नहीं। उन्होंने कहा कि मिश्र के खिलाफ देशद्रोह सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया जाएगा।
वहीं आईजी असीम अरुण ने बताया कि पकड़ा गया सिपाही पाकिस्तानी नम्बर पर व्हाट्सएप से काफी समय से चैट कर रहा था। चैटिंग में उसे धर्म परिवर्तन और कश्मीर पर भारत विरोधी बात कह कर प्रभावित भी किया जा रहा था। उसकी फेसबुक आईडी और मोबाइल से कई और साक्ष्य मिले हैं। उसके नेटवर्क के बारे में पता किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि सिपाही को लखनऊ में न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा और रिमांड पर लेकर पूछा जाएगा कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन लोग शामिल हैं। जासूसी करने के लिए उसका मोटिवेशन क्या रहा, क्या उसे पैसा मिला। यह जानने के लिए उसके एकाउंट भी चेक किए जाएंगे। यही नहीं यह भी पूछा जाएगा कि उसने जो सूचनाए आईएसआई को दी, उससे कितना नुकसान हुआ। उन्होंने बताया कि हनी ट्रैप और जासूसी से बचने के लिए सशस्त्र बलों के सदस्यों को जागरूक किया जाएगा।
Source : IANS