सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के हेड कांस्टेबल विजय भान सिंह का उनके पैतृक गांव फिरोजाबाद के मक्खनपुर थाना क्षेत्र स्थित चमरौली में शनिवार को अंतिम संस्कार किया गया. शहीद के अंतिम संस्कार के दौरान प्रशासन की बड़ी चूक दिखी. देश के लिए जान देने वाले शहीद जवान के अंतिम संस्कार के दौरान वहां सिर्फ अंधेरा ही था. अंतिम संस्कार वाली जगह पर रात में बिजली की कोई व्यवस्था नहीं गई थी. ऐसे में मोबाइल फोन की रोशनी में शहीद जवान को मुखाग्नि दी गई.
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फिरोजाबाद के मक्खनपुर थाना क्षेत्र स्थित चमरौली निवासी बीएसएफ जवान विजय भान सिंह का पार्थिव शरीर शनिवार शाम को उनके गांव पहुंचा था. इसी बीच, परिजन तथा अन्य ग्रामीणों ने शहीद के परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने, पेट्रोल पम्प आवंटित करने और सिंह का स्मारक बनाने की मांगें पूरी ना होने तक अंतिम संस्कार ना करने का एलान कर दिया. मौके पर मौजूद जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शचीन्द्र पटेल ने आला अधिकारियों से बात कर परिजनों की तीनों मांगों को माने जाने का लिखित आश्वासन दिया, तब लगभग डेढ़ घंटे बाद अंतिम संस्कार किया गया. शहीद के बेटे विवेक ने मुखाग्नि दी.
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गौरतलब है कि गुरुवार को पश्चिम बंगाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर विवाद सुलझाने गये बीएसएफ के गश्ती दल पर सरहद पार से की गई गोलीबारी में जवान विजय भान सिंह शहीद हो गए थे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद की पत्नी को 20 लाख रुपये और उनकी माता को पांच लाख रुपये की सहायता उपलब्ध कराने और शहीद के एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है.
Source : डालचंद