1971 में बांग्लादेश से भारत आए थे पिता, अब बच्चों ने मांगी नागरिकता

नागरिकता संशोधन कानून आने के बाद लखीमपुर खीरी जिले में लंबे समय से रह रहे दो बांग्लादेशी शरणार्थियों ने भारतीय नागरिकता के लिए जिलाधिकारी कार्यालय में आवेदन किया है.

नागरिकता संशोधन कानून आने के बाद लखीमपुर खीरी जिले में लंबे समय से रह रहे दो बांग्लादेशी शरणार्थियों ने भारतीय नागरिकता के लिए जिलाधिकारी कार्यालय में आवेदन किया है.

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Yogendra Mishra
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1971 में बांग्लादेश से भारत आए थे पिता, अब बच्चों ने मांगी नागरिकता

लखीमपुर खीरी के दो भाइयों ने नागरिकता की मांग की है।( Photo Credit : News State)

नागरिकता संशोधन कानून आने के बाद लखीमपुर खीरी जिले में लंबे समय से रह रहे दो बांग्लादेशी शरणार्थियों ने भारतीय नागरिकता के लिए जिलाधिकारी कार्यालय में आवेदन किया है. ये दोनों बांग्लादेशी शरणार्थी रिश्ते में भाई हैं. इन शरणार्थियों का कहना है कि इनके पिता 1971 में जंग के दौरान भारत में आए थे. दोनों भाइयों का जन्म लखीमपुर के निघासन में हुआ था.

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मामला उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के निघासन तहसील का है. जहां के कामतानगर गांव के रहने वाले खीरू और मोतीचंद नाम के दो भाइयों ने नए नागरिकता कानून के तहत लखीमपुर के जिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह के माध्यम से शासन को पत्र भेज कर नागरिकता की मांग की है. इन्होंने बताया कि इनके पिता धनपत मल्लाह 12 जुलाई सन 1971 में बांग्लादेश से भारत आए थे. तभी से वह निघासन तहसील के कामता नगर गांव में रह रहे थे. दोनों भाइयों का जन्म लखीमपुर खीरी के निघासन तहसील में हुआ था. कुछ साल पहले उनके पिता की मौत हो गई. अब बीजेपी नया नागरिकता संशोधन कानून लाई है. जिसके बाद उन्होंने 18 दिसंबर 2019 को भारत सरकार से नागरिकता के लिए आवेदन भेजा है.

लखीमपुर खीरी के जिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि नागरिकता संशोधन बिल आने के बाद लखीमपुर में शरणार्थी की हैसियत से रह रहे दो भाइयों ने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया है. दोनों के आवेदन की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है. कानूनी प्रक्रिया के आधार पर अगर ये लोग सही पाए जाते हैं तो इन्हें जल्द ही भारतीय नागरिकता मिल सकती है.

Source : News Nation Bureau

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