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यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई ने सहायक प्रोफेसर के पद से इस्तीफा दिया

बुनियादी शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी के भाई अरुण द्विवेदी की सिद्धार्थ नगर स्थित सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति को लेकर विवाद खड़ा हो गया था.

Updated on: 26 May 2021, 05:59 PM

highlights

  • अरुण द्विवेदी ने सहायक प्रोफेसर के पद से इस्तीफा दे दिया
  • उत्तर प्रदेश के बुनियादी शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी के भाई है अरुण द्विवेदी
  • उनके सहायक प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति को लेकर विवाद खड़ा हो गया था

उत्तर प्रदेश:

उत्तर प्रदेश के बुनियादी शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी के भाई अरुण द्विवेदी की सिद्धार्थ नगर स्थित सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति को लेकर विवाद खड़ा हो गया था. अरुण द्विवेदी को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग कोटे से मनोविज्ञान विभाग में सहायक प्रोफेसर के पद पर नियुक्त किया गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक साइकोलॉजी विषय के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर के दो पद थे. डॉ हरेंद्र शर्मा को ओबीसी कोटे सेनियुक्त किया गया जबकि दूसरे पद पर डॉ अरुण कुमार द्विवेदी को ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य उम्मीदवार) श्रेणी में नियुक्त किया गया था. अभी खबर ये आ रही है कि उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया है.

वही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक से यूपी सरकार पर हमला बोलते हुए लिखा भ्रष्टाचार पर “ज़ीरो टोलरेंस” का दिखावा करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी जी के तथाकथित आर्थिक रूप के कमज़ोर भाई ने अपनी फ़र्ज़ी नियुक्ति से इस्तीफ़ा दे दिया. मुख्यमंत्री जी आपके बेसिक शिक्षा मंत्री जी कब इस्तीफ़ा देंगे? मुख्यमंत्री जी आप अगर भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं है तो बताए- विश्वविद्यालय के कुलपति को गिरफ्तार कब करेंगे? जिन अधिकारियों ने #ESW का प्रमाण पत्र बनाया उनपर कार्यवाही कब होगी? 69000 शिक्षक भर्ती में 18000 पिछड़े,दलित छात्र-छात्राओं का हिस्सा लूटनें वालो पर कार्यवाही कब होगी.

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इधर बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी जी ने इन आरोपों निराधार करार दिया है. उन्होंने कहा है कि चयन के लिए विश्वविद्यालय को जो प्रक्रिया करनी थी, उसमें उन्होंने कोई हस्तक्षेप नहीं किया. EWS कोटे पर उन्होंने कहा कि उनके और भाई की आय में अंतर है. साथ ही मंत्री ने भी यह भी स्पष्ट किया कि अगर किसी को कुछ भी गलत लगता है तो वह जांच के लिए तैयार हैं.