सुल्तानपुर माइनर नहर में पानी छोड़ने के बाद मध्य गंगा नहर पर बना पुल ढह गया.करीब दो करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस पुल में अभी अप्रोच रोड का निर्माण होना बाकी था. जब से निर्माण शुरु हुआ है तब से यह पुल दो बार टूट चुका है. इस पुल के धराशायी होते ही अधिकारियों में हड़कंप मच गया. एक अखबार के मुताबिक मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने निर्माण की खामियों पर पर्दा डालना शुरु कर दिया.
दरअसल बिजनौर गंगा बैराज से मध्य गंगा नहर निकाली गई है. मध्य गंगा नहर अभी निर्माणाधीन है. मध्य गंगा नहर के किलोमीटर 26 पर मुबारकबाद खादर में सुल्तानपुर माइनर है. सुल्तानपुर माइनर का पानी मध्य गंगा नहर के ऊपर से गुजारने के लिए जलसेतु और सड़क पुल संयुक्त रूप से बनाया गया था. जलसेतु के नीचे पानी बहता और ऊपर से सड़क गुजरने वाली थी. जलसेतु लगभग बनकर तैयार हो चुका था. ऊपरी हिस्से में रास्ते को जोड़ने के लिए पुल अभी खोलना बाकी था.
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साइफन का निर्माण होने के कारण सुल्तानपुर माइनर ने सुबह ही पानी छोड़ दिया. नहर में पानी आया तो जलसेतु उसके दबाव को नहीं झेल सका. कुछ ही घंटों में जलसेतु ताश के पत्तों की तरह ढह गया. जिसके बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया.
अधिशासी अभियंता मनोज कुमार ने बताया कि जलसेतु के पुल की लागत करीब दो से ढाई करोड़ रुपये थी. जलसेतु का कुछ हिस्सा गिर गया है. यह पहले टूट चुका था, जिसकी मरम्मत कराई जा रही थी. क्षमता से अधिक पानी छोड़ना पुल टूटने का कारण बना. उन्होंने यह भी बताया कि पानी छोड़ने की जानकारी सुल्तानपुर माइनर के अधिकारियों ने हमें नहीं दी.
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सूत्रों का कहना है कि इस पुल को बनाने में जम कर भ्रष्टाचार किया गया है. भ्रष्टाचार के कारण पुल निर्माण में मानकों का पालन नहीं किया गया है. निर्माण सामग्री भी घटिया क्वालिटी की लगाई गई थी.
Source : News Nation Bureau