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गंगा और यमुना दोनों नदियां खतरे के निशान के पार, दर्जनों गांव में पानी भरा 

संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों नदियां खतरे के निशान को पार कर गई है. लगातार गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है. कछारी इलाके में गंगा और यमुना नदियां कहर बरपा रही हैं

Updated on: 27 Aug 2022, 04:00 PM

नई दिल्ली:

संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों नदियां खतरे के निशान को पार कर गई है. लगातार गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है. कछारी इलाके में गंगा और यमुना नदियां कहर बरपा रही हैं. गंगा और यमुना नदियों में आई बाढ़ के चलते तटीय इलाके के दर्जनों गांवों में पानी भर गया है. जिससे इन गांवों का संपर्क शहर से कट गया है. इन गांवों में पहुंचने के लिए अब केवल नाव ही एक सहारा बची हुई है. वहीं शहर की बात करें तो शहर में भी दर्जनों मोहल्लों में पानी भर गया है. राजापुरए नेवादा, गंगानगर, सलोरी, छोटा बघाड़ा, चांदपुर सलोरी ऐसे मोहल्ले हैं जहां घरों की एक मंजिल बाढ़ के पानी में डूब गई है. लोगों ने अपना सामान पहली मंजिल पर शिफ्ट कर लिया है.

बड़ी संख्या में लोग बाढ़ प्रभावित मोहल्लों में फंसे हुए हैं. हालांकि ज्यादातर लोग अपने घरों को छोड़कर बाहर इसलिए नहीं आना चाहते हैं कि मकान बंद करने पर घरों में चोरी का डर है. जबकि चांदपुर सलोरी और छोटा बघाड़ा जैसे मोहल्लों में बड़ी संख्या में प्रतियोगी छात्र के रहते हैं. पानी बढ़ जाने के चलते यह लोग भी निकल नहीं पा रहे हैं. बाढ़ में फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है. शुक्रवार को एनडीआरएफ की टीम ने 26 लोगों को रेस्क्यू किया था. शनिवार सुबह 10 बजे एक बार फिर से एनडीआरएफ की टीम ने अपना रेस्क्यू अभियान शुरू किया है. एनडीआरएफ के टीम कमांडर इंस्पेक्टर बीके तिवारी से चांदपुर सलोरी में एक लॉज में फंसे 2 छात्रों ने बाहर निकलने की मदद मांगी थी.

जिसके बाद एनडीआरएफ की टीम उन्हें रेस्क्यू करने के लिए रवाना हुई. एनडीआरएफ की टीम के साथ न्यूज़ नेशन न्यूज़ स्टेट की टीम भी मौजूद रही. बाढ़ में फंसे छात्रों ने मोबाइल पर अपना व्हाट्सएप लोकेशन भेजा था. उसी आधार पर आगे बढ़ती हुई एनडीआरएफ की टीम नालों के रास्ते चांदपुर सलोरी मोहल्ले में पहुंची. यहां पर सकरी गलियों से होते हुए लाज तक पहुंची. हलांकि गलियों में निकले एंगल और लोहे की सरिया को बचाते हुए बड़ी मुश्किल से टीम उस लाज तक पहुंची जहां प्रतियोगी छात्र फंसे हुए थे. एनडीआरएफ की टीम ने प्रतियोगी छात्रों को एक दूसरे मकान की छत के जरिए अपने बोट में बैठाया. एनडीआरएफ की टीम ने लाज में फंसे जौनपुर के अरुण कुमार यादव और गाजीपुर के इंदल को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया. इसके साथ ही एनडीआरएफ की टीम में चल रहे कंपाउंडर ने बाढ़ में फंसे लोगों को बुखार और खांसी की दवाइयां भी वितरित की.

इस दौरान कई जगह पर एनडीआरएफ की टीम के लिए काफी जोखिम भी नजर आया. क्योंकि गलियों में लाइटें जल रही थीं. जिससे वोट में करंट उतरने का भी खतरा था. लेकिन सभी चुनौतियों को पार करते हुए एनडीआरएफ की टीम ने अपने ऑपरेशन को अंजाम दिया. एनडीआरएफ के टीम कमांडर इंस्पेक्टर बीके तिवारी ने घरों में फंसे लोगों से बारण्बार अपील की. उन्होंने कहा कि हम आपको लेने आए हैं. आप यहां से निकलकर बाढ़ राहत शिविरों में चल सकते हैं. वहां पर प्रशासन ने आपके लिए रहने खाने का पूरा प्रबंध किया हुआ है. लेकिन बारण्बार अपील के बाद भी तमाम लोग अपने घरों को छोड़ने को तैयार नहीं हुए. लोगों का कहना है कि अगर वह घर छोड़कर चले जाएंगे तो उनके घरों में चोरी हो सकती है. कई लोगों का यह भी कहना है कि वह बाढ़ देख रहे हैं अगर पानी बढ़ता है तभी मदद मांगेंगे और बाहर निकलेंगे. बरहाल चांदपुर सलोरी में 2 प्रतियोगी छात्रों को रेस्क्यू करने में करीब 3 घंटे का समय लग गया और पूरे 3 घंटे हमारी टीम एनडीआरएफ के साथ मौजूद रही. एनडीआरएफ के जवानों ने और उनके टीम लीडर ने अपनी जान जोखिम में डालकर दो प्रतियोगी छात्रों को रेस्क्यू पर सुरक्षित बख्शी बांधण्तक पहुंचाया. तीन दिन से बाढ़ के पानी में फंसे प्रतियोगी छात्र बाहर निकलकर बेहद खुश नजर आए. उन्होंने एनडीआरएफ का भी शुक्रिया अदा किया. प्रतियोगी छात्रों ने कहा कि उन्हें नई जिंदगी मिली है और अब वह रोडवेज से निकलकर अपने गांव जाएंगे और जब बाढ़ का खतरा कम होगा तभी दोबारा लौटकर पढ़ाई करने संगम नगरी प्रयागराज आएंगे.