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बीएल संतोष ने यूपी में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों पर लगाया विराम

भाजपा के महामंथन सरकार संगठन की बैठक में वर्ष 2022 में सत्ता वापसी के सेवा समन्वय के साथ जुटने का संकेत दिया गया है. विपक्ष के दुष्प्रचार की काट ढूढ कर उन्हें हर प्रकार से जवाब भी देना होगा.

Updated on: 03 Jun 2021, 02:34 PM

highlights

  • लिए गये फीडबैक का परिणाम क्या होगा इसके लिए लोगों की निगाहें दिल्ली पर टिकी हैं
  • तीन दिनों तक चले महामंथन के बाद बीएल संतोष दिल्ली लौट गए.

उत्तर प्रदेश:

उत्तर प्रदेश विधानसभा 2022 में होने वाले चुनाव के मद्देनजर भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने सरकार और संगठन के पदाधिकरियों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार के दोनों उपमुख्यमंत्रियों और तकरीबन डेढ़ दर्जन मंत्रियों से अलग-अलग मिलकर फीडबैक लिया है. तीन दिनों में कई घंटों की मुलाकात ने यूपी में नेतृत्व बदलाव की अटकलों को निर्मूल साबित कर दिया है. लिए गये फीडबैक का परिणाम क्या होगा इसके लिए लोगों की निगाहें दिल्ली पर टिकी हैं. तीन दिनों तक चले महामंथन के बाद बीएल संतोष दिल्ली लौट गए. उनके जाने के बाद सियासी गलियारों में चर्चा शुरू हो गयी थोड़ा बहुत ही सही विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भाजपा नेतृत्व यूपी की सर्जरी कर सकता है. भाजपा के महामंथन सरकार संगठन की बैठक में वर्ष 2022 में सत्ता वापसी के सेवा समन्वय के साथ जुटने का संकेत दिया गया है. विपक्ष के दुष्प्रचार की काट ढूढ कर उन्हें हर प्रकार से जवाब भी देना होगा. सरकार और संगठन के कामकाज का जो फीडबैक उन्हें मिला है उसके आधार पर एक रिपोर्ट तैयार करके वो दिल्ली ले गए हैं. प्रदेश भाजपा सरकार और संगठन से जुड़े लोगों की नजरें अब दिल्ली पर टिकी हैं. तीन दिवसीय बैठक का नतीजा क्या होगा.

राजनीतिक विष्लेषकों की मानें तो बीएल संतोष ने कोरोना से निपटने को लेकर मुख्यमंत्री की पीठ थपथपा कर बदलाव की अटकालों पर विराम लगा दिया है. उन्होंने योगी के पक्ष में ट्वीट कर के साफ संकेत दिया है कि अभी शीर्ष नेतृत्व पर फेरबदल की कोई गुंजाइश नहीं है. फिलाहाल कोरोना से बने नकारात्मक माहौल को खत्म करने के लिए पूरी पार्टी सेवा के माध्यम से सकारात्मक भाव में बदलने की तैयारी करेगी. फिलहाल जो भी हल होगा, उसका निर्णय दिल्ली से होगा. सुधार के लिए कुछ करेक्शन किया जा सकता है. वरिष्ठ राजनीतिक विष्लेशक राजीव श्रीवास्तव ने कहा, ''राजनीति में हर पल नया होता है. सत्ताधारी पार्टी में कई पावर सेंटर बनते हैं. एक पावर सेंटर दूसरे पावर सेंटर की खिलाफत करने के तरीके ढूढता है. भाजपा में अभी परिवर्तन जैसी कोई चीज होंनी नहीं है. 6 माह चुनाव के बचे हैं. ऐसे अभी बदलाव के कोई संकेत नहीं दिखते हैं. फीडबैक, कार्ययोजना,नकारात्मकता खत्म करने के लिए इतनी बड़ी बैठक हुई है. अभी नई चुनौतियों को भाजपा आमंत्रित नहीं करना चाहती है. फीडबैक से सरकार संगठन से समन्वय की बात होगी. सरकार और संगठन में कुछ नए चेहरे आ सकते हैं. भाजपा अभी किसी मंत्री को हटाने का जोखिम नहीं लेना चाहेगी क्योंकि चुनाव का समय नजदीक है निकालने से संदेश गलत जाएगा. पार्टी के लिए एक-एक वोट महत्वपूर्ण है.''

वरिष्ठ राजनीतिक विष्लेशक पीएन द्विवेदी ने कहा, '' वर्तमान परिस्थितियों को अगर देखें तो भाजपा इस समय कोरोना से बिगड़े माहौल को सुधारने में जुटेगी. संगठन और सरकार आपसी तालमेल से सत्ता तक पहुंचने के सारे प्रयास करेगें. वर्तमान में कोई नया जोखिम भाजपा नहीं लेने वाली है.'' योग सरकार में अल्पसंख्यक राज्य मंत्री मोहसिन रजा कहते हैं, '' सरकार और संगठन में आपसी तालमेल और अच्छा हो. इसके अलावा चल रहे कोरोना संकट में किए गये कार्य और अच्छे ढंग से हो. इन्हीं सबका ब्यौरा हमने राष्ट्रीय नेतृत्व के सामने रखा है. सेवा सिर्फ नाम की न हो. उसे यर्थात में लाने का संदेश दिया गया है.'' भाजपा प्रवक्ता हरीश श्रीवास्तव कहते हैं कि '' भाजपा संगठन का एक सुसंगत ढांचा है. संगठन गतिशील बना रहे. जनसरोकारों के प्रति जवाबदेह बना रहे. इसे लेकर शीर्ष नेतृत्व समय-समय पर अपने पदाधिकारियों और दायित्वधारियों का मार्गदर्शन करता रहता है. ''