बीजेपी संठगन चुनाव से तय करेगी 2022 की जीत का रास्ता

बीजेपी में संगठन के चुनाव चल रहे हैं. बीजेपी बूथ स्तरीय कमेटियों के गठन के बाद मंडलों की समिति का गठन करने की तैयारी की जा रही है. भाजपा की संगठनात्मक 98 जिला इकाईयों पर भी अध्यक्ष निर्वाचित किए जाने हैं.

बीजेपी में संगठन के चुनाव चल रहे हैं. बीजेपी बूथ स्तरीय कमेटियों के गठन के बाद मंडलों की समिति का गठन करने की तैयारी की जा रही है. भाजपा की संगठनात्मक 98 जिला इकाईयों पर भी अध्यक्ष निर्वाचित किए जाने हैं.

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Kuldeep Singh
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बीजेपी संठगन चुनाव से तय करेगी 2022 की जीत का रास्ता

प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

बीजेपी में संगठन के चुनाव चल रहे हैं. बीजेपी बूथ स्तरीय कमेटियों के गठन के बाद मंडलों की समिति का गठन करने की तैयारी की जा रही है. भाजपा की संगठनात्मक 98 जिला इकाईयों पर भी अध्यक्ष निर्वाचित किए जाने हैं. बीजेपी 2022 के चुनाव के पहले यहां संगठन को मजबूत करने में जुटा है तो संगठन में सामाजिक संतुलन बनाने का भी काम किया जा रहा है. मंडल और जिलाध्यक्षों के चयन में युवाओं को अधिक मौका दिया जा रहा है.

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दरअसल बीजेपी ने 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है. संगठन को धार दी जा रही है. युवाओं को हर इकाई में प्राथमिकता दी जा रही है. उपचुनाव खत्म होने का बाद संगठनात्मक चुनाव के लिए पार्टी ने पूरी तैयारी कर ली है. हाल में जिन क्षेत्रों में उपचुनाव हुए वहां मंडल अध्यक्षों का चुनाव नहीं हो सका. त्योहार खत्म होने के बाद वहां चुनाव कराए जाएंगे. मंडल समितियों की भी घोषणा की जानी है. साल के अंत तक जिलाध्यक्षों का चुनाव किया जाएगा. बीजेपी इस बार संगठन में अलग रणनीति पर काम कर रही है. बीजेपी ने 98 संगठनात्मक जिले बनाए हैं. अगर प्रदेश में संगठनात्मक मंडलों की संख्या देखें तो यह 1918 हैं.

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संगठन में युवाओं को मिलेगा भरपूर मौका
बीजेपी संगठन में युवाओं को अधिक से अधिक तरजीत देने की कोशिश कर रही है. प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल द्वारा हर इकाई के लिए अलग रणनीति पर काम किया जा रहा है. संगठन की कसौटी पर खरा उतरने वाले युवाओं को आगे लाने की रणनीति बनाई गई है. ऐसा पहली बार है जब प्रदेश के एक लाख 63 बूथों में चुनाव के जरिये समितियां गठित हुई. इन समितियों में न सिर्फ युवाओं को मौका दिया गया बल्कि बूथ क्षेत्र में रहने वाली सभी जातियों को भी इसमें जगह दी गई. हाल में हुए उपचुनाव की वजह से प्रदेश में करीब छह हजार बूथ ऐसे थे जिनका गठन बाकी रह गया. अब उसकी भी तैयारी शुरू हो गई है.

सपा दलितों को रिझाने में जुटी
लोकसभा चुनाव में एकदूसरे का साथ थामने वाले सपा अध्यक्ष अखिलेश और बसपा अध्यक्ष मायावती की राहें अब अलग हो चुकी हैं. गठबंधन टूटने के बाद अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मायावती के वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी कर ली है. सपा में दलितों को प्रमुख ओहदे पर जगह दी जाएगी. इसके लिए वह पार्टी के जल्द घोषित की जाने वाली समितियों में दलितों को ओहदे देने का प्लान बना रहे हैं.

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उपचुनाव के परिणाम आने के बाद अब एसपी की भंग जिला और दूसरी कमिटियों का गठन किया जा सकता हैं. इनमें कई कई चेहरों को प्रमुख पदों पर स्थान मिल सकता है. पार्टी के एक पूर्व मंत्री के मुताबिक जिला स्तर से लेकर प्रदेश स्तर के संगठन का गठन होगा. कमिटियों में सामान्य के साथ पिछड़े, अति पिछड़े, मुस्लिम को तो तवज्जों दी ही जाएगी, दलित वर्ग को भी खास जिम्मेदारी मिलेगी. सपा दलित समाज के ऐसे चेहरों की तलाश कर रही है जिनकी समाज में अच्छी पैठ हो. ऐसे लोगों का चयन कर उन्हें जिम्मेदार पदों पर बैठाया जाएगा. इन्हें दलित समाज के लोगों को सपा के साथ जोड़ने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.

HIGHLIGHTS

  • पहली बार बूथ स्तर पर चुनी जा रही हैं संगठनात्मक इकाईयां
  • बूथ स्तरीय कमेटी में सामाजिक संगठन का रखा जा रहा है ध्यान
  • प्रदेश में बीजेपी कर रही है 1918 संगठनात्मक इकाईयों का गठन
BJP UP assembly election 2022
      
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