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साक्षी मिश्रा और उनके पति कोर्ट में मौजूद, इनका नहीं किसी और जोड़े का हुआ था अपहरण

चश्मदीदों के मुताबिक, युवा दंपति को अदालत के गेट नंबर 3 के बाहर इंतजार करते देखा गया, जब दिन में एक काली एसयूवी आई और बंदूक की नोक पर दंपति को खींच लिया गया.

Updated on: 15 Jul 2019, 11:15 AM

highlights

  • अदालत में पेश होने के कुछ घंटे पहले 8.30 बजे हुई घटना
  • युवा दंपति को अदालत के गेट नंबर 3 के बाहर देखा गया था
  • एक काली एसयूवी आई और दंपति को खींच लिया गया

नई दिल्‍ली:

बरेली के बीजेपी विधायक की बेटी साक्षी मिश्रा और उसके पति अजितेश का सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के बाहर से अपहरण की बात गलत निकली. उनका अपहरण नहीं हुआ था, बल्‍कि वे कोर्ट में सुनवाई के दौरान मौजूद थे. साक्षी व अजितेश मामले की सुनवाई खत्म हो गई है. कोर्ट से बाहर निकलने के दौरान अजितेश से मारपीट हुई, जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई. कोर्ट ने पुलिस को प्रेमी युगल को सुरक्षा देने का आदेश दिया. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शादी को लेकर पेश किए गए अभिलेखों को सही माना. उनकी शादी के फर्जी प्रमाणपत्र होने से इनकार किया है.

साक्षी मिश्रा ने अंतरजातीय विवाह किया था, जिसके बाद से उसने अपने पिता बीजेपी विधायक राजेश मिश्रा से जान का खतरा बताया था. यह घटना भाजपा विधायक राजेश मिश्रा की बेटी साक्षी मिश्रा और उनके पति अजितेश कुमार की अदालत में पेश होने के कुछ घंटे पहले 8.30 बजे हुई. चश्मदीदों के मुताबिक, युवा दंपति को अदालत के गेट नंबर 3 के बाहर देखा गया, जब दिन में एक काली एसयूवी आई और बंदूक की नोक पर दंपति को खींच लिया गया, लेकिन यह घटना किसी और के साथ हुई थी. 

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साक्षी के अजितेश से चार जुलाई को प्रसिद्ध राम जानकी मंदिर में विवाह करने के विवाद ने 12 जुलाई को एक नया मोड़ ले लिया, जब मंदिर के पुजारी ने शादी से इनकार कर दिया.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दंपति द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई के लिए सोमवार का दिन तय किया था, जो अपने जीवन को खतरे में डालकर मिश्रा और उसके गुर्गों से डरते हुए छिप गए थे. दरअसल, अजितेश कुमार के पिता हरीश कुमार ने कहा था कि उन्हें दंपति के ठिकाने का कोई पता नहीं था और वे और उनका परिवार भी अपनी जान को खतरे की आशंका के चलते बरेली छोड़ चुके हैं.

विशेष पुलिस अधीक्षक बरेली मुनिराज ने कहा कि दंपति अभी कहां हैं, वे नहीं जानते. लेकिन अगर उन्होंने उन्हें उनके ठिकाने के बारे में सूचित किया तो वह उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएंगे.

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बीजेपी विधायक राजेश मिश्रा ने गुरुवार को कहा कि उनकी बेटी वयस्क है और फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है. उन्होंने कहा कि वह पति और पत्नी के बीच उम्र के अंतर को लेकर चिंतित थे और लड़के को कोई उचित रोजगार भी नहीं था.