logo-image

हमीरपुर हत्याकांड: बीजेपी के बाहुबली विधायक अशोक चंदेल ने कोर्ट में किया सरेंडर

गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बावजूद पुलिस पिछले 10 से विधायक को गिरफ्तार नहीं कर पाई थी. लेकिन आज उन्होंने खुद जिला अदालत में सरेंडर किया है.

Updated on: 13 May 2019, 12:17 PM

highlights

  • बीजेपी के बाहुबली विधायक अशोक सिंह चंदेल ने किया सरेंडर
  • कोर्ट के बाहर करीब 15 हजार समर्थक हुए इकट्ठा
  • गिरफ्तारी वारंट जारी होने पर भी नहीं पकड़ पाई थी पुलिस
  • हमीरपुर केस में अशोक चंदेल को मिली है उम्रकैद की सजा
  • इलाहाबाद HC ने विधायक के अलावा 10 को सजा सुनाई थी
  • 26 जनवरी 1997 को हमीरपुर में हुई थी 5 लोगों की हत्या

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हमीरपुर में 5 लोगों की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा पा चुके बीजेपी के बाहुबली विधायक अशोक सिंह चंदेल ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. जिला अदालत के परिसर में करीब 15 हजार समर्थक इकट्ठा हो गए. हाईकोर्ट से सजा मिलने के बाद ही अशोक सिंह चंदेल (Ashok Singh Chandel) फरार चल रहे थे. गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बावजूद पुलिस पिछले 10 से विधायक को गिरफ्तार नहीं कर पाई थी. लेकिन आज उन्होंने खुद जिला अदालत में सरेंडर किया है.

यह भी पढ़ें- योगी राज में बेखौफ खनन माफिया, अवैध खनन पर छापेमारी करने गए बीजेपी विधायक पर चलाईं गोलियां

इस दौरान पुलिस की बड़ी लापरवाही भी देखने को मिली. धारा 144 लागू के बावजूद जिला अदालत के परिसर में विधायक के करीब 15 हजार समर्थक इकट्ठा हो गए. विधायक के आने से पहले ही करीब 15 हजार समर्थकों भीड़ न्यायालय परिसर में घुसी. पुलिस अधीक्षक ने जिला न्यायालय में भारी तादाद में मौजूद समर्थकों पर बल प्रयोग किया. भीड़ को जिला न्यायालय परिसर से भगाया गया. कड़े सुरक्षा इंतेजाम के बावजूद भी हजारों समर्थक जिला न्यायालय घुस गए.

गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने इस हत्याकांड में अशोक सिंह चंदेल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. अशोक सिंह चंदेल के साथ-साथ 10 और लोगों को भी आजीवन कारावास की सजा हाईकोर्ट ने सुनाई थी.

यह भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश: मुरादाबाद में दर्दनाक हादसा, ट्रैक्टर-ट्रॉली पलटने से 6 लोगों की मौत

बता दें कि 26 जनवरी 1997 में हमीरपुर (Hamirpur) में हुए एक हत्याकांड में अशोक सिंह चंदेल आरोपी थे. उस हत्याकांड में दिनदहाड़े 5 लोगों की हत्या कर दी गई थी. मृतकों में एक 9 साल का बच्चा भी शामिल था. इस मामले में निचली अदालत ने चंदेल को बरी कर दिया था. चंदेल को बरी करने वाले उस समय के जज अश्विनी कुमार को जांच के बाद बर्खास्त कर दिया गया था.

राज्य सरकार ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी. मामले में पीड़ित राजीव शुक्ला ने भी अर्जी दाखिल की थी. हाईकोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस डी के सिंह की खंडपीठ ने सजा सुनाई.

यह वीडियो देखें-