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UP BJP के नए अध्यक्ष की तलाश, इन टॉप 7 संभावित ब्राह्मण चेहरों पर निगाहें

बीजेपी लोकसभा चुनाव 2024 ( Loksabha Election 2024) को ध्यान में रखकर अपने प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव करेगी. अगर पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए किसी ब्राह्मण चेहरे को मौका देने का मन बनाया तो इन नेताओं में से किसी एक पर दांव लगा सकती है.

Updated on: 12 Apr 2022, 11:18 AM

highlights

  • बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती UP के नए प्रदेश अध्यक्ष चुनने की है
  • लोकसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखकर BJP प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव 
  • जातिगत समीकरण को साधने के लिए एक बार फिर किसी ब्राह्मण को मौका

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश चुनावों के बाद बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती उसके नए प्रदेश अध्यक्ष को चुनने ( UP BJP President Election) की है. जिसको लेकर राजधानी लखनऊ से लेकर दिल्ली तक मंथन चल रहा है. सबसे बड़ी बात है कि इस बार कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी किसी ब्राह्मण को मौका दे सकती है. क्योंकि अभी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह पिछड़े समुदाय से आते हैं. ऐसे में बीजेपी जातिगत समीकरण को साधने के लिए एक बार फिर किसी ब्राह्मण को मौका दे सकती है. 

बीजेपी लोकसभा चुनाव 2024 ( Loksabha Election 2024) को ध्यान में रखकर अपने प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव करेगी. अगर पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए किसी ब्राह्मण चेहरे को मौका देने का मन बनाया तो इन नेताओं में से किसी एक पर दांव लगा सकती है. हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हमेशा चौकाने वाले फैसले के लिए भी जाने जाते हैं. फिलहाल जिन ब्राह्मण नामों पर सबसे ज्यादा चर्चा है उनमें से कुछ हैं : -  

1. गोविंद नारायण शुक्ल : गोविंद नारायण शुक्ल संगठन में अभी भी महत्वपूर्ण भूमिका में हैं. वो उत्तर प्रदेश बीजेपी में महामंत्री है. साथ ही मुख्यालय प्रभारी भी हैं. पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच और बाहर वह बेहद विनम्र और काम के प्रति संवेदनशील नेता माने जाते हैं. 

2. विजय बहादुर पाठक : उत्तर प्रदेश बीजेपी में संगठन के दिग्गज खिलाड़ी हैं. फिलहाल बीजेपी यूपी में उपाध्यक्ष हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में पश्चिमी यूपी में जो बीजेपी को बड़ी जीत मिली थी उसमें प्रमुख रणनीतिकार माने जाते हैं. उस समय वह पश्चिमी यूपी के प्रभारी थे. वहीं विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने कानपुर क्षेत्र में अपनी संगठन की कार्यशैली और रणनीति का लोहा मनवाया है.

3. सतीश गौतम : अलीगढ़ से सांसद हैं सतीश गौतम. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के तमाम विवादों में हिंदुत्व की मुखर आवाज़ रहे हैं. जिन्ना की तस्वीर का मामला हो या अभी प्रोफेसर द्वारा हिन्दू देवी-देवताओं पर अपमानजनक टिप्पणी का गौतम ने इसके खिलाफ आवाज बुलंद की. इसके अलावा विधानसभा चुनाव से पहले सतीश गौतम बीजेपी की रथयात्रा के प्रभारी भी थे.

4. हरीश द्विवेदी : बस्ती से सांसद हरीश द्विवेदी पार्टी में राष्ट्रीय सचिव की भूमिका में हैं. संगठन का लंबा अनुभव रहा है. बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. युवाओं में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है. 

5. सुब्रत पाठक : वर्तमान में प्रदेश महामंत्री और कन्नौज से सांसद हैं. सपा की दिग्गज नेता डिंपल यादव को चुनाव मैदान में हराया है. इसके अलावा बीजेपी युवा मोर्चा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष भी रहे हैं. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र के प्रभारी भी हैं. पाठक को बेहद मिलनसार स्वभाव का नेता माना जाता है.

6. दिनेश शर्मा : पिछली बार यूपी सरकार में दिनेश शर्मा उपमुख्यमंत्री थे. बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व के बेहद करीबी माने जाते हैं. जब बीजेपी ने 10 करोड़ से ज्यादा सदस्य बनाये तब वह सदस्यता अभियान के प्रभारी भी थे. 

7. श्रीकांत शर्मा : पिछली सरकार में ऊर्जा मंत्री थे. उत्तर प्रदेश में बिजली के बेहतर व्यवस्था का श्रेय इन्हें जाता है. इससे पहले केंद्र में मीडिया प्रभारी की जिम्मेदारी बखूबी निभा चुके हैं. शर्मा को भी बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के बेहद करीब माना जाता है. शर्मा को यूपी बीजेपी का अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर बीच में सोशल मीडिया पर बधाइयों का एक दौर भी चल गया था.

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