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दिल्ली में BJP का मंथन, 45 वर्तमान विधायकों का कट सकता है टिकट!

मंगलवार की बैठक में पहले 3 फेज के उम्मीदवारों को लेकर चर्चा हुई. तकरीबन 170 सीटों को लेकर कई स्तरों पर चर्चा की गयी.

Updated on: 11 Jan 2022, 11:11 PM

highlights

  • बैठक में पहले 3 फेज के उम्मीदवारों को लेकर चर्चा हुई
  • तकरीबन 170 सीटों को लेकर कई स्तरों पर चर्चा की गयी
  • लेकिन भी किसी का टिकट फाइनल नहीं किया गया

लखनऊ:

देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में टिकट बंटवारे के लिए मंगलवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने दिनभर मंथन किया. गृह मंत्री अमित शाह ने प्रदेश के 6 क्षेत्रों की क्षेत्रवार समीक्षा की. क्षेत्रवार समीक्षा में अमित शाह ने सभी क्षेत्रीय प्रभारियों से बीजेपी के कामकाज व पार्टी के समीकरण को लेकर चर्चा की. मंगलवार को उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा नहीं हुई. उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए कल सुबह यानि बुधवार को 11:00 बजे दोबारा बीजेपी की बैठक होगी. बैठक के बाद गृहमंत्री अमित शाह अलग से कुछ नेताओं के साथ चर्चा की.

इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल सहित अन्य प्रमुख नेता भी इस बैठक में शामिल हुए. कोरोना से लड़ रहे भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा डिजिटल माध्यम से बैठक में शरीक हुए.

मंगलवार की बैठक में पहले 3 फेज के उम्मीदवारों को लेकर चर्चा हुई. तकरीबन 170 सीटों को लेकर कई स्तरों पर चर्चा की गयी. लेकिन भी किसी का टिकट फाइनल नहीं किया गया. लेकिन बीजेपी जल्द ही पहले व दूसरे चरण के लिए अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर सकती है. 

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दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में बीजेपी के केंद्रीय नेताओं की यूपी के आला नेताओं के साथ बैठक में पार्टी विरोधी लहर, वर्तमान विधायकों के कामकाज के फीडबैक की समीक्षा और जिताऊ उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा हुई. सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, बीजेपी अपने करीब 45 वर्तमान विधायकों का टिकट काट सकती है.

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने कहा है, ''केंद्रीय नेतृत्व का मानना है कि जनता सरकार के खिलाफ गुस्से में नहीं है. लोगों में स्थानीय विधायकों के खिलाफ गुस्सा है.'' सूत्रों ने आगे कहा कि टिकट न मिलने के डर से ऐसे विधायक और नेता चुनाव से ठीक पहले पार्टी छोड़ रहे हैं.  

सूत्रों के मुताबिक चुनावी रणनीति से जुड़े विभिन्न पहलुओं के अलावा 15 जनवरी तक रैलियों, रोड शो और अन्य कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाए जाने और डिजिटल रैली करने संबंधी निर्वाचन आयोग के आदेश के मद्देनजर चुनाव प्रचार के भावी कार्यक्रमों की रूपरेखा को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई.