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BJP-निषाद पार्टी साथ मिलकर लड़ेंगे यूपी में 2022 का चुनाव, गठबंधन का हुआ ऐलान

यूपी चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी और निषाद पार्टी मिलकर चुनाव लड़ेंगे. इसका ऐलान कर दिया गया है. बीजेपी और निषाद पार्टी की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इसकी जानकारी दी गई.

Updated on: 24 Sep 2021, 12:26 PM

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने तैयार शुरू कर दी है. अगला विधानसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी (BJP) और निषाद पार्टी मिलकर चुनाव लड़ेंगे. दोनों के गठबंधन का ऐलान कर दिया गया है. बीजेपी और निषाद पार्टी की और से प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी गई. बीजेपी और निषाद पार्टी के साथ ही अपना दल भी गठबंधन में शामिल है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी प्रदेश प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और निषाद पार्टी के संजय निषाद भी शामिल थे.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, 'मैं पिछले 3 दिन से यूपी में हूं, निषाद पार्टी के साथ हमारा गठबंधन और मजबूत होगा. 2022 का विधानसभा चुनाव हम आपस में मिलकर मजबूती से लड़ेंगे. ये गठबंधन बीजेपी, निषाद पार्टी और अपना दल का है.' प्रधान ने कहा कि 2022 चुनाव की तैयारी बीजेपी ने शुरू कर दी है.

निषाद पार्टी को भाजपा देगी एमएलसी की एक सीट
बीजेपी कोर कमेटी की बैठक में निषाद पार्टी को गठबंधन के साथ ही विधान परिषद की खाली 4 सीटों में से एक सीट देने पर सहमति बनी है. आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा के चुनाव प्रभारियों ने रोड मैप तैयार किया है. सभी 6 सह-प्रभारी विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करेंगे. पार्टी के पदाधिकारियों के साथ ही जिला समन्वय समिति, जिला चुनाव संचालन के साथ बैठक करेंगे। उसी विधानसभा में प्रवास करेंगे.

निषाद समुदाय का पूर्वांचल के 16 जिलों में प्रभाव
भाजपा और निषाद पार्टी के एक साथ आने से पूर्वांचल में स्थिति मजबूत होगी. गंगा के किनारे वाले पूर्वी उत्तर प्रदेश के इलाके में निषाद समुदाय की अच्छी-खासी आबादी है. वर्ष 2016 में गठित निषाद पार्टी का खासकर निषाद, केवट, मल्लाह, बेलदार और बिंद बिरादरियों में अच्छा असर माना जाता है. गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज, जौनपुर, संत कबीरनगर, बलिया, भदोही और वाराणसी समेत 16 जिलों में निषाद समुदाय के वोट जीत-हार में बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं. संजय निषाद दावा करते हैं कि प्रदेश की 100 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर निषाद वोट जिताने या हराने की ताकत रखता है.