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UP के पॉल्ट्री उद्योग पर बर्ड फ्लू का हमला, जानिए कितना सस्ता हुआ चिकन

पॉल्ट्री फार्म के मालिक कहते हैं कि बर्ड फ्लू काबू में आए या फिर उसकी खबरें अगर काबू में उसकी खबरें काबू में ना आई तो ये 50 रुपये प्रति किग्रा से नीचे जा सकता है, या फिर नौबत ऐसी भी आ सकती है कि कोई इन्हें फ्री में भी ना ले और इन हज़ारों चिकन को मारना

Updated on: 07 Jan 2021, 04:32 PM

नई दिल्ली:

देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू की खबर से उत्तर प्रदेश का पोल्ट्री उद्योग भी सहम गया है. UP में बर्ड फ्लू का कोई केस भले ही सामने ना आया हो, लेकिन बर्ड फ्लू की खबरों से पॉल्ट्री उद्योग धड़ाम हो गया है. लखनऊ में जो चिकन फुटकर मार्केट में  180 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा था, अब वो 140 रुपये प्रतिकिलो पहुंच गया है. बर्ड फ्लू का सबसे ज्यादा नुकसान पॉल्ट्री फार्म मालिकों को होना शुरू हो चुका है. आपको बता दें कि बर्ड फ्लू की वजह से पॉल्ट्री फॉर्म से जो चिकन 3 दिन पहले 102 से 106 रुपये प्रति किग्रा जा रहा था वो अब 75 से 80 रुपये प्रति किग्रा पहुंच चुका है.

पॉल्ट्री फार्म के मालिक कहते हैं कि बर्ड फ्लू काबू में आए या फिर उसकी खबरें अगर काबू में उसकी खबरें काबू में ना आई तो ये 50 रुपये प्रति किग्रा से नीचे जा सकता है,या फिर नौबत ऐसी भी आ सकती है कि कोई इन्हें फ्री में भी ना ले और इन हज़ारों चिकन को मारना पड़े, सिर्फ लखनऊ में ही रोजाना लगभग 10 हज़ार किग्रा चिकन की सप्लाई होती है, लेकिन बुधवार और बृहस्पतिवार को सिर्फ 6 हजार किग्रा की सप्लाई हुई है, पॉल्ट्री फार्म मालिकों का कहना है कि अब होटलों और रेस्टोरेंट से ऑर्डर भी कम आ रहे हैं.

ये कहानी सिर्फ दो चार पॉल्ट्री फार्म मालिकों की नहीं है लखनऊ मण्डल में करीब 45 बड़े और सैकड़ों छोटे पॉल्ट्री फार्म हैं, जहां हज़ारों लोगों को रोजगार मिला हुआ है और लाखों किग्रा चिकेन और लाखों अंडों का रोज उत्पादन होता है. सिर्फ लखनऊ में ही रोजाना 2.50 लाख अंडों की खपत है. जो अब घटकर 1.35 लाख हो गई है. कोरोना काल में सिर्फ लॉकडाउन के 3 महीनों में ही UP के पॉल्ट्री उद्योग ने 10 हज़ार करोड़ से ज्यादा का नुकसान झेला था. कोरोना काल की मार से लड़खड़ाया पॉल्ट्री उद्योग अभी सम्भलने की कोशिश कर ही रहा था कि बर्ड फ्लू ने इस उद्योग पर हमला बोल दिया है.