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बिकरू एनकाउंटर( Photo Credit : आईएएनएस)
बिकरू हत्याकांड को लेकर फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (एफएसएल) की जांच में सामने आया है कि घटना में इस्तेमाल किए गए हथियारों पर कई लोगों की अंगुलियों के निशान (फिंगरप्रिंट्स) मिले हैं. गैंग्सटर विकास दुबे व उसके साथियों ने 3 जुलाई को आठ पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. एक एफएसएल अधिकारी ने गुरुवार को बताया, हमने देशी कट्टे के अलावा पिस्तौल, राइफल, सिंगल एंड डबल-बैरल गन समेत दस हथियार बरामद किए थे. इन हथियारों पर एक से ज्यादा लोगों के निशान थे, जिससे पता चलता है कि घटना के दौरान इसका प्रयोग एक से ज्यादा लोगों ने किया था.
हथियारों पर कई फिंगरपिंट्र्स से जांचकर्ताओं के सामने आरोपी के फिंगरप्रिंट से मिलान करना मुश्किल हो जाएगा. इस बीच, कानपुर में जिला अधिकारियों ने दुबे के आठ और साथियों के हथियारों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं. बिकरू हत्याकांड के बाद, जिला प्रशासन ने दुबे के करीबी सहयोगियों और परिजनों को जारी 25 हथियारों के लाइसेंस को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी.
एडीएम (सिटी) अतुल कुमार ने पत्रकारों को बताया कि प्रशासन ने दीपक दुबे, श्रीकांत शुक्ला, रमेश चंद द्विवेदी, राकेश कुमार, रविंदर कुमार, सुरज सिंह और आशुतोष के हथियार लाइसेंस को रद्द कर दिया है. इनमें से सुरज और आशुतोष को छोड़कर सभी बिकरू गांव के रहने वाले हैं.
आपको बता दें कि इसके पहले पुलिस ने विकास दुबे के बिकरू स्थित घर को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया था. बिकरू कांड के अगले ही दिन पुलिस ने विकास दुबे के घर को ढहा दिया. वहीं उसके लखनऊ स्थित घर पर भी कार्रवाई की तैयारी की गई. विकास दुबे का लखनऊ स्थित घर नक्शा पास कराए बिना बनाया गया था. हालांकि बाद में विकास की पत्नी ने लखनऊ विकास प्राधिकरण में अधिकारियों से नक्शा पास कराने की गुहार लगाई. पुलिस को पूरे मामले में विकास की पत्नी की संलिप्तता के सबूत नहीं मिले हैं.
Source : News Nation Bureau