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बहुचर्चित बिकरू कांड: विकास दुबे से जुड़ी 200 अहम फाइलें कानपुर कलेक्ट्रेट से हुईं गायब

उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित बिकरू कांड के मुख्य आरोपी रहे विकास दुबे से जुड़ी फाइलें कानपुर कलेक्ट्रेट से गायब हो गई हैं.

Updated on: 14 Oct 2020, 09:20 AM

कानपुर:

उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित बिकरू कांड के मुख्य आरोपी रहे विकास दुबे से जुड़ी फाइलें कानपुर कलेक्ट्रेट से गायब हो गई हैं. बताया जा रहा है कि ये फाइलें विकास दुबे के ऑर्म्स लाइसेंस से जुड़ी हुई थीं. इससे जुड़ी करीब 200 फाइलें कानपुर कलेक्ट्रेट से गायब हुई हैं और इन फाइलों का नंबर 131 से 330 तक है. जिसके बाद कानपुर के जिलाधिकारी ने इस मामले में कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई. इस एफआईआर में विभाग से जुड़े बाबू विजय रावत का भी नाम शामिल है.

गौरतलब है कि इस कांड में आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे. पुलिसकर्मियों की 3 जुलाई को घात लगाकर हत्या करने वाले गैंगस्टर विकास दुबे 10 जुलाई को एक मुठभेड़ में मारा गया था. उज्जैन से गिरफ्तार किए जाने के बाद कानपुर लाने के दौरान पुलिस वाहन पलटने से कथित तौर पर भागने के प्रयास में उसका एनकाउंटर किया गया. दुबे के पांच सहयोगी भी अलग-अलग मुठभेड़ों में मारे गए. 

बिकरू कांड में 44 से अधिक आरोपियों की पहचान की गई, जिनमें से 36 को गिरफ्तार कर लिया गया है. इन 36 आरोपियों के खिलाफ हाल ही में कानपुर पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दायर की. पुलिस अधीक्षक (एसपी) बृजेश श्रीवास्तव ने कहा कि जांच अधिकारी ने गुरुवार को 36 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया था, उसमें कहा गया कि आठ पुलिसकर्मियों की हत्या पूर्व नियोजित थी.

एसपी ने कहा कि सभी आरोपियों पर आईपीसी के तहत धारा 302 और 120 बी आरोप लगाए गए हैं और आरोप पत्र 1,600 से अधिक पृष्ठों का है. श्रीवास्तव ने कहा, जांच अधिकारी ने अपनी जांच में सभी उपलब्ध इलेक्ट्रॉनिक, फोरेंसिक और वैज्ञानिक सबूत एकत्र किए थे और आरोप पत्र प्रस्तुत किया था. आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 302, 307, 394, 396, 504, 506 और 120 बी और सीएलए एक्ट के 34 और 7 और 3/25 आर्म्स एक्ट और विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज है.