Bijnore Guldar Attack: बच्चा घर से कुछ ही दूरी पर दुकान से सामान लेने जा रहा था, तभी गुलदार ने उस पर झपट्टा मारा और उसे करीब एक किलोमीटर दूर गन्ने के खेत तक घसीट ले गया.
बिजनौर जिले में इस वक्त दहशत का माहौल है. वजह है गुलदार के लगातार बढ़ते हमले. अकेले सितंबर महीने में ही गुलदार ने चार लोगों को मौत के घाट उतार दिया है, जिनमें तीन मासूम बच्चे और एक महिला शामिल हैं. पूरे साल 2025 की बात करें तो अब तक नौ लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं.
सबसे दर्दनाक घटना 2 सितंबर को रामदास वाली गांव में हुई, जब गुलदार ने 8 साल के मासूम कनिष्क उर्फ जानू पर हमला कर दिया. बच्चा घर से कुछ ही दूरी पर दुकान से सामान लेने जा रहा था, तभी गुलदार ने उस पर झपट्टा मारा और उसे करीब एक किलोमीटर दूर गन्ने के खेत तक घसीट ले गया. परिजनों और ग्रामीणों ने किसी तरह उसे छुड़ाया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.
कनिष्क के परिवार का हाल बेहद दर्दनाक है. दादी रो-रोकर अपने पोते को याद कर रही हैं, जबकि मां की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे. उनका कहना है कि उन्हें सरकार की मदद या मुआवजे से ज्यादा सुरक्षा चाहिए, ताकि और किसी मां का लाल इस दरिंदे का शिकार न बने.
गांव के हालात यह हैं कि अब लोग बच्चों को अकेले घर से बाहर भेजने से डरते हैं. दिन-रात ग्रामीण हाथों में लाठी-डंडे लेकर पहरा दे रहे हैं. वन विभाग ने गांव और जंगल के किनारे पिंजरे लगाए हैं, जिनमें मुर्गे को चारे के रूप में रखा गया है, लेकिन गुलदार अब तक पकड़ा नहीं गया. विभाग ने ट्रैप कैमरे भी लगाए हैं और दावा है कि उनकी टीम 24 घंटे निगरानी में जुटी है.
गांव वालों का आरोप है कि गुलदार अब "आदमखोर" हो चुका है, ऐसे में सरकार को उसे मार गिराने का आदेश देना चाहिए. ग्रामीण कहते हैं कि रोजाना वह इंसानों और जानवरों पर हमला कर रहा है, जिससे पूरे इलाके में आतंक फैला हुआ है.
करीब 50 किलोमीटर के दायरे में फैले इस इलाके में दहशत साफ देखी जा सकती है. लोग अब जंगलों में चारा या लकड़ी लेने भी 15-20 के समूह में जाते हैं. ग्रामीणों की साफ मांग है—“मुआवजा नहीं, सुरक्षा चाहिए.”