बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के संस्कृत विद्या धर्म विभाग में एक मुस्लिम प्रोफेसर की नियुक्ति को लेकर शुरू हुआ छात्रों का धरना शुक्रवार को समाप्त हो गया. छात्रों का कहना है कि इस मामले में शनिवार को पीएमओ में ज्ञापन दिया जाएगा. छात्रों का कहना है कि अगर 10 दिन में उनकी मांगों को नहीं माना गया तो छात्र बड़ा आंदोलन करेंगे.
बीएचयू में ही छात्रों और प्रोफेसरों का एक धड़ा प्रोफेसर फिरोज खान के समर्थन में खड़ा है. बीएचयू के विरला छात्रावास के छात्रों ने बीएचयू के कुलपति का गैर हिन्दू शिक्षक के नियुक्ति के विरोध में पुतला फूंका.
अखाड़ा परिषद ने किया समर्थन
एक ओर छात्र जहां डॉ. फिरोज की नियुक्ति का विरोध कर रहे हैं. वहीं साधु संतों की संस्था अखाड़ा परिषद फिरोज खान के साथ खड़ा है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने बीएचयू के छात्रों से अपील की है कि वह अपने प्रदर्शन को वापस लेकर विश्वविद्यालय के हित में फिरोज खान की नियुक्ति का समर्थन करें.
महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि पहले जब गुरुकुल परंपरा होती थी तब ऐसा होता था कि एक खास वर्ग के लोगों का चयन होता था. जो समय के हिसाब से उचित था. लेकिन आज 21वीं सदी में भारत में हर मजहब के लोग हर भाषा का ज्ञान रखते हैं. यह उनका संवैधानिक अधिकार भी है. ऐसे में अगर एक मुस्लिम प्रोफेसर संस्कृत पढ़ा रहा है तो इसमें कुछ गलत नहीं है, हमें उनका स्वागत करना चाहिए.
क्या है विवाद
हफ्ते भर से बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में छात्रों के द्वारा लगातार संस्कृत विभाग के प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति का विरोध किया जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि वह एक मुस्लिम हैं. छात्रों का कहना है कि उनसे संस्कृत का ज्ञान लिया जा सकता है. लेकिन धर्म का नहीं.
Source : न्यूज स्टेट