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CM योगी से पहले संजय निषाद ने की थी केशव मौर्य से की मुलाकात, की ये मांग

ये तस्वीर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के केशव प्रसाद मौर्य के घर पहुंचने से पहले की है. इस तस्वीर में निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के साथ मुलाकात करते हुए दिखाई दे रहे हैं.

Updated on: 23 Jun 2021, 03:55 PM

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने अपना मिशन 2022 शुरू कर दिया है. मंगलवार को बीजेपी ने 2022 को लेकर अपना सियासी मंथन शुरू कर दिया है. इस बीच एक तस्वीर सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रही थी जिसमें यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के घर से मुस्कुराते हुए निकल रहे थे. इस तस्वीर के आने के बाद सियासी गलियारों में इस बात को लेकर चर्चाएं थम गई थीं कि अब यूपी चुनाव में बीजेपी में किसी भी तरह की कोई उथल पुथल नहीं है. इस तस्वीर को लेकर अलग-अलग कई तरह के मायने निकाले गए.

अब एक और तस्वीर उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारों में शोर मचा रही है. इस तस्वीर को देखकर भी लोग कई तरह के कयास लगा रहे हैं. ये तस्वीर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के केशव प्रसाद मौर्य के घर पहुंचने से पहले की है. इस तस्वीर में निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के साथ मुलाकात करते हुए दिखाई दे रहे हैं. बताया जा रहा है कि विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव से पहले डॉक्टर संजय निषाद केशव प्रसाद मौर्य से मिलने गए थे और इस मुलाकात में उन्होंने डिप्टी सीएम पद की मांग भी रख दी है. 

मंगलवार को अचानक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य के यहां खाने पर पहुंचे. योगी के अलावा उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होशबोले और सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल और क्षेत्र प्रचारक अनिल सिंह समेत कुछ और पदाधिकारी भी मौर्य के आवास पर लंच में थे. बताया जा रहा है कि योगी उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य के बेटे की शादी की बधाई देने के लिए पहुंचे थे. सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अपने कार्यकाल में योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को पहली बार उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के घर का रुख किया. हालांकि योगी इससे पहले केशव के पिता के निधन पर श्रद्धांजलि देने कौशाम्बी जा चुके हैं.

आपको बता दें कि इसके पहले सोमवार की शाम मुख्यमंत्री आवास पर करीब साढ़े तीन घंटे तक भारतीय जनता पार्टी के कोर कमेटी की बैठक चली थी. इस बैठक में विधानसभा चुनाव की रणनीति पर मंथन किया गया और यह निर्णय लिया गया कि भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव में केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार के विकास कार्यों और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद से जुड़े कामों के सहारे चुनाव मैदान में उतरेगी.