CM बनने से पहले पिता ने योगी से मांगी थी ये चीज, एक ही झटके में कर दी थी मुराद पूरी

मरने से पहले उनकी एक आखिरी इच्छा थी. लेकिन वह पूरी नहीं हो सकी. अंतिम इच्छा पूरी होने से पहले ही उनकी सांसों की डोर टूट गई.

मरने से पहले उनकी एक आखिरी इच्छा थी. लेकिन वह पूरी नहीं हो सकी. अंतिम इच्छा पूरी होने से पहले ही उनकी सांसों की डोर टूट गई.

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Sushil Kumar
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट( Photo Credit : फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के पिता आनंद सिंह बिष्ट का सोमवार को निधन हो गया. उन्होंने दिल्ली ऐम्स में आखिरी सांस ली. मरने से पहले उनकी एक आखिरी इच्छा थी. लेकिन वह पूरी नहीं हो सकी. अंतिम इच्छा पूरी होने से पहले ही उनकी सांसों की डोर टूट गई. उनकी इच्छा थी कि वह आखिरी सांस अपने पैतृक गांव में ही लें. लेकिन यह इच्छा पूरी नहीं हो सकी. लेकिन सीएम योगी के संन्यास बनने से पहले पिता ने एक चीज मांगी थी, बेटे ने एक ही झटके में मुराद पूरी कर दी थी. उनके पिता आनंद सिंह बिष्ट उत्तराखंड (Uttarakhand) के पंचूर गांव में रहते थे. वे वन विभाग में रेंजर पद से अवकाश ग्रहण करने के बाद घर पर ही रहते थे.

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ऐसे की थी पिता की मुराद को पूरी

सामाजिक कार्यों में उनकी काफी रुचि थी. पंचूर गांव के रहने वाले कोटद्वार में शिक्षक बताते हैं कि सीएम योगी के गांव के आसपास 40-50 किलोमीटर की रेंज में कोई कॉलेज ऐसा नहीं था, जिसमें लड़कियों को पढ़ने की व्यवस्था हो. ऐसे में सीएम योगी के पिता ने उनसे एक महाविद्यालय की स्थापना कराने की मांग की थी. उनकी बात को मानते हुए 2005 में पंचूर गांव में महायोगी गुरु गोरखनाथ डिग्री कॉलेज की स्थापना की. उसकी देखरेख व प्रबंधन की जिम्मेदारी सीएम योगी ने अपने पिता को दे रखी थी. यहां अच्छी शिक्षा के वास्ते बच्चे दूर-दूर से पढ़ने के लिए आते हैं. सीएम योगी के पिता चाहते थे कि शिक्षा की हर सुविधा गांव में ही उपलब्ध हो, उनका पूरा प्रयास रहता था कि बच्चों को तकनीकी शिक्षा दी जाए.

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लिवर और किडनी की बीमारी से थे पीड़ित

तबीयत खराब होने पर उन्हें 13 मार्च को दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया गया था. बताया जा रहा है कि उन्हें लिवर और किडनी की समस्या थी. इस घटना से हर कोई शोक में हैं. शोकाकुल परिजनों ने बताया कि उनकी आखिरी इच्छा थी कि वह पैतृक घर में ही आखिरी सांस लें. इसीलिए आज सुबह उन्हें गांव ले जाने की तैयारी भी की गई, लेकिन इस दौरान उनका स्वर्गवास हो गया. योगी आदित्यनाथ के पिता उत्तराखंड में यमकेश्वर के पंचूर गांव में रहते थे. वे फॉरेस्ट रेंजर के पद से 1991 में रिटायर हो गए थे. उसके बाद से वे अपने गांव में रह रहे थे.

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