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राम विलास पासवान (फाइल फोटो)
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राम विलास पासवान (फाइल फोटो)
केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के बरेली ज़िले में हाल ही में कथित तौर पर भूख से महिला की मौत मामले में अपनी रिपोर्ट सौंपी है।
केंद्र सरकार के मुताबिक़ ये मौत भूख से नहीं हुई है क्योंकि शकीना नाम की ये महिला अंत्योदय अन्य योजना (AAY) कार्ड धारक थी और अक्टूबर-2017 महीने तक लगातार अपना राशन ले रही थी।
बता दें कि AAY कार्ड धारक सबसे ग़रीब तबके के लोग होते हैं जिन्हें सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) द्वारा खाद्यान्न मुहैया कराया जाता है।
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, 'राज्य सरकार ने उत्तरप्रदेश के बरेली ज़िले में कथित भूख से हुई मौत मामले में जो रिपोर्ट हमें सौंपी है उसके मुताबिक़ महिला AAY कार्ड धारक थी और अक्टूबर-2017 महीने तक खाद्यान्न ले जाती रही थी। रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि अगस्त और सितम्बर- 2017 महीने में उसके पति बिना आधार कार्ड प्रमाणीकरण के अनाज पाते रहे जबकि अक्टूबर महीने में वो ख़ुद ही आधार कार्ड प्रमाणीकरण कराकर अपना राशन ले गई थी।'
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मंत्रालय ने कहा कि हमें सार्वजनिक वितरण प्रणाली में आधार कार्ड प्रमाणीकरण पद्धति लागू करने को लेकर होने वाली चुनौतियों का पूरी तरह अहसास है।
उन्होंने कहा कि हमने सभी राज्यों से सुनिश्चत करने को कहा है कि सभी ग़रीब और ज़रूरतमंद व्यक्ति को अनाज दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा, 'सभी को स्पष्ट निर्देश जारी किया गया है कि बायोमेट्रिक मशीन में आधार कार्ड प्रमाणीकरण फ़ेल होने की स्थिती में ज़रूरतमंद लोगों को पर्याप्त अनाज देने से मना नहीं किया जाए।
बता दें कि इससे पहले बरेली के प्रशासन ने भी यही कहा था कि शकीना की मौत भूख से नहीं, बल्कि बीमारी से हुई है।
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वहीं, शकीना के परिवार वालों का कहना है कि उसकी मौत भूख से हुई है, क्योंकि राशन लाने दुकान पर गए उसके पति को राशन इसलिए नहीं दिया गया कि राशन कार्ड शकीना के नाम पर था और वह खुद वहां नहीं जा सकी।
नायब तहसीलदार, उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) और जिला आपूर्ति अधिकारी की अधिकारियों के एक दल ने शकीना के पति और उसके बच्चों के बयान रिकार्ड किए हैं।
मीरगंज के एसडीएम राम अक्षय ने भुखमरी के कारण मौत को स्पष्ट रूप से खारिज करते हुए कहा कि यह 'आधारहीन और झूठ' है।
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ज़ाहिर है इस घटना के बाद विपक्षी पार्टियों ने केंद्र और राज्य सरकार को खूब खरी खोटी सुनाई थी। समाजवादी पार्टी ने इस घटना पर दुख और निराशा व्यक्त करते हुए इसे 'सिस्टम' की खामी करार दिया था।
पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक ट्वीट में कहा कि गरीब महिला की भूख से मौत 'लोकतंत्र पर धब्बा' है।
उन्होंने कहा कि अगर महिला बीमार थी और बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन के लिए राशन दुकान पर अनाज लेने नहीं जा सकी, तो ऐसी स्थिति से निपटने के लिए एक प्रणाली होनी चाहिए।
गौरतलब बै कि बीजेपी शासित झारखंड में हाल ही में भूख से एक बच्ची सहित दो लोगों मौत हुई, लेकिन पहले इस पर पर्दा डालने का पूरा प्रयास किया गया था।
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Source : News Nation Bureau