'ऐसा दोस्त हो तो दुश्मन की क्या जरूर', डेबिट कार्ड चुरा कर निकाल लिए 1 लाख रुपये

कई बार आपस में लोग एक दूसरे का मजाक बनाने के लिए कहते हैं कि 'ऐसा दोस्त हो तो दुश्मन की क्या जरूरत'. लेकिन इंदौर में एक दोस्त ने इस कहावत को सच साबित कर दिया है. जहां एक फाइनेंस कंपनी में काम करने वाले युवक का उसी के दोस्त ने डेबिट कार्ड चुरा लिया.

कई बार आपस में लोग एक दूसरे का मजाक बनाने के लिए कहते हैं कि 'ऐसा दोस्त हो तो दुश्मन की क्या जरूरत'. लेकिन इंदौर में एक दोस्त ने इस कहावत को सच साबित कर दिया है. जहां एक फाइनेंस कंपनी में काम करने वाले युवक का उसी के दोस्त ने डेबिट कार्ड चुरा लिया.

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Yogendra Mishra
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चोरों ने बम से उड़ाया ATM लेकिन आगे का मंजर देख रह गए भौचक्का

प्रतीकात्मक फोटो।

कई बार आपस में लोग एक दूसरे का मजाक बनाने के लिए कहते हैं कि 'ऐसा दोस्त हो तो दुश्मन की क्या जरूरत'. लेकिन इंदौर में एक दोस्त ने इस कहावत को सच साबित कर दिया है. जहां एक फाइनेंस कंपनी में काम करने वाले युवक का उसी के दोस्त ने डेबिट कार्ड चुरा लिया. इस बारे में दोस्त को पता था कि युवक रात के 8 से 9 बजे तक जिम में रहता है और वहां उसका मोबाइल लॉकर में रख देता है. आरोपी युवक ने इसी बात का फायदा उठाया. उसने अपने एक दोस्त को उसी वक्त पैसा निकालने के लिए भेजा. आरोपी के दोस्त ने शहर के दस अलग-अलग ATM से एक घंटे में करीब 1 लाख रुपये निकाले.

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तुकौगंज पुलिस ने मेघदूत नगर के रहने वाले संतोष कोकाटे की रिपोर्ट पर उसके दोस्त बजरंग नगर निवासी मयूर शर्मा और कलेक्टोरेट क्षेत्र में रहने वाले मयंक पर चोरी का मुकदमा दर्ज करवाया.

संतोष व मयूज जंजीरावाल चौराहा पर ग्रोमोट फाइनेंस कंपनी में काम करते हैं. संतोष जिस कंपनी में काम करता है उसका एमपी हेड है और मयूर असिस्टेंट है. संतोष ने पुलिस को बताया कि 1 सितंबर को दोपहर में जब वह बाथरूम के लिए गया तो उसके पर्स से सिर्फ HDFC बैंक का डेबिट कार्ड चोरी हुआ था. दिन में वह इस बात पर ध्यान नहीं दे पाया. रात में जब वह जिम से लौटा तो उसने मोबाइल पर दस मैसेज देखे.

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मैसेज देखने के बाद उसे पता चला कि उसके अकाउंट से 1.09 लाख रुपये निकाल लिए गए हैं. जिसके बाद उसने तत्काल अपना डेबिट कार्ड बंद करवाया और इस बारे में अगले दिन दफ्तर में पूछताछ की. लेकिन इस बारे में कोई भी कुछ नहीं बता पाया. जिसके बाद संतोष ने तुकोगंज थाने में आवेदन दिया.

संतोष को यह आशंका थी कि यह हरकत मयूर ही कर सकता है क्योंकि कुछ दिन पहले मयूर को 5 हजार रुपये की जरूरत थी. संतोष ने उसे अपना डेबिट कार्ड देकर पैसा निकाल कर लाने को कहा था. जिसकी वजह से उसे पिन कोड पता था. संतोष ने पहचान के लिए सभी एटीएम से उनके फुटेज निकलवाए. लेकिन उनमें कहीं भी मयूर नहीं था.

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इस पर संतोष ने ऑफिस के चार दोस्तों की शिकायत की. पुलिस ने रात में जब मयूर से पूछताछ की तो उसने सबकुछ कबूल दिया. उसने बताया कि उसे पता था कि संतोष के HDFC वाले खाते में ही पैसे हैं और उससे अनलिमिटेड ट्रांजेक्शन किया जा सकता है. उसने बताया कि वह जानता था कि संतोष रात 8 से 9 बजे के बीच जिम जाता है और वह अपना मोबाइल लॉकर में रखता है. मयूर ने कार्ड अपने दोस्त मयंक को दिया और शहर के अलग-अलग एटीम से पैसा निकालने के लिए कहा था. संतोष मयंक को नहीं जानता था इसलिए यह काम मयंक को सौंपा गया.

Source : News Nation Bureau

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