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गोरखपुर: बकरीद पर दाम छू रहे आसमान, देसी बकरों की बढ़ी डिमांड

रविवार को पूरे देश में बकरीद का त्‍यौहार मनाया जायेगा. बकरीद को लेकर बाजारों में तैयारियां जोरों पर है. गोरखपुर में बकरीद में बिकने वाले बकरों के दाम इस साल आसमान छू रहे हैं. हर साल 30 से 35 हजार में बिकने वाले बकरों के दाम...

Updated on: 09 Jul 2022, 02:30 PM

highlights

  • गोरखपुर में बकरीद पर बढ़ी बकरों की डिमांड
  • रविवार को बकरीद, खरीदारों की बढ़ी भीड़
  • देसी नस्क के बकरों की बाजार में खूब डिमांड

गोरखपुर:

रविवार को पूरे देश में बकरीद का त्‍यौहार मनाया जायेगा. बकरीद को लेकर बाजारों में तैयारियां जोरों पर है. गोरखपुर में बकरीद में बिकने वाले बकरों के दाम इस साल आसमान छू रहे हैं. हर साल 30 से 35 हजार में बिकने वाले बकरों के दाम इस साल 60 से 70 हजार रूपयों तक चले गये हैं. मंडियों में इस समय देसी नस्‍ल के बकरों की खूब डिमांड है और बेहतरीन लंबाई और चुस्ती-फुर्ती वाले बकरों को लेने के लिए ग्राहकों की भीड़ लगी है. 

घंटाघर इलाके में लगा है बकरा बाजार

गोरखपुर के घंटाघर इलाके के बड़ी मस्जिद के पास हर साल की तरह इस साल भी बकरा मार्केट लगा है. इस बाजार में एक साल से लेकर 4 साल तक के बकरे उपलब्ध हैं. यहां पर पिछले 2 साल से अपने सलमान नाम के बकरे को लेकर आ रहे मैनुउद्दीन का कहना है कि उन्होंने इस बकरे की कीमत 60 हजार लगाई है लेकिन अगर कोई 
40-45 हजार भी देने को तैयार हुआ, तो वह उसे बेच देंगे. इस बाजार में बकरों को बिक्री के लिए लेकर आने वाले लोगों का कहना है कि वह इन बकरों को अपने परिवार के एक सदस्य की तरह से पालते हैं. ये बकरे टॉफी, चिप्स, चना, काजू और दूसरे ड्राई फ्रूट्स बहुत चाव से खाते हैं. गोरखपुर के इस बकरा मार्केट में तमाम ऐसे अच्छी नस्ल के कई बकरे मौजूद हैं जिनकी कीमत 70 से 80 हजार रखी गई है. इन बकरों के मालिकों का कहना है कि पूरे 1 साल से अधिक समय तक इन बकरों की सेवा करने के बाद वह कुर्बानी लायक तैयार हुए हैं. इन पर हर रोज सैकड़ों रुपयों का खर्च आता है जिसकी वजह से मार्केट में आने पर इनकी लागत बढ़ जाती है.

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कुर्बानी के बकरों का सेहतमंद होना भी जरूरी

बकरीद के अवसर पर पूरे गोरखपुर में बकरों की खूब डिमांड रहती है और दूर दराज के गांवों और दूसरे जिलों से भी बकरे गोरखपुर के रेती चौक, बड़ी मस्जिद, शाहमारूफ, इलाहीबाग और रसूलपुर में लाये जाते हैं. जो बकरा जितना अच्‍छा साफ सुथरा और सेहतमंद रहता है, उसके दाम उतने ही आसमान छूते हैं. खरीददार बकरों के दांतो को गिनकर भी उनकी उम्र का पता लगा लेते हैं और सबसे अधिक डिमांड एक साल की बकरों की होती है. हालांकि इन बकरों के दामों में खरीददारों और बकरे के मालिकों 
में खूब मोलभाव होता है और दाम पटने पर बकरे को बेचा जाता है. हर रोज एक बाजार से 400 से 500 बकरों की बिक्री होती है.  पूरे गोरखपुर में 3 से 4 हजार बकरे प्रतिदिन बेंचे जाते हैं. रविवार को बकरीद होने के कारण आज इन बाजारों में बकरों की भारी डिमांड है. इस समय सुबह से लेकर शाम तक इन मंडियों में ग्राहकों की भीड़ लग रह रही है और हर कोई अपने बजट मे उपलब्‍ध बकरों की खरीददारी कर रहा है.  खरीददारों का कहना है कि इस साल बकरों के दाम में काफी इजाफा हुआ है, लेकिन बकरा खरीदना है तो दाम से समझौता करना पड़ रहा है.

बकरीद के दिन बकरों की कुर्बानी दिये जाने का रिवाज है और माना जाता है कि जो बकरा जितना सेहतमंद और सुंदर होता है, उसकी कुर्बानी उतनी ही अच्‍छी होती है. यही वजह है कि लोग बिना वजन और दाम की परवाह किये बकरों को खरीदते हैं. अच्‍छी नस्‍ल के बकरों के दीवानों की कमीं नहीं है और लोग मुंहमांगी कीमत पर कुर्बानी के इन बकरों को खरीद रहे हैं.