बहराइच में भेड़ियों के आतंक से इलाके में सनसनी फैली हुई है. यहां हर कोई डरा और सहमा हुआ है. खासकर इन आदमखोरों की वजह से बच्चों के परिजनों में ज्यादा खौफ है. वहीं स्थानीय लोगों से लेकर वन विभाग और पूरा प्रशासन इनको पकड़ने की कवायद कर रहा है. विशेषज्ञों की टीम इन खूंखार भेड़ियों के अटैक के पीछे का कारण और पैटर्न जानने के प्रयास कर रही है. इसके साथ ही उनके ठिकानों की भी तलाश की जा रही है. इस बीच एक मीडिया रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि आखिर क्यों ये जानवर इंसानों के खून का प्यासा हो गया है.
बताया जा रहा है कि बहराइच के रामुआपुर गांव में आदमखोर भेड़ियों की एक गुफा मिली है. यह स्थान गन्ने के घने खेतों से होते हुए करीब 2 किलोमीटर अंदर है. वर्तमान में इस जगह पर पानी भरा हुआ है. इसके अलावा जब मांद के अंदर एक लंबा सा डंडा डाला गया तो पता चला कि यह मांद 6 फीट गहरी है. ग्रामीण दावा कर रहे हैं कि कभी इसमें भेड़ियों का पूरा कुनबा रहता था.
इसलिए खून के प्यासे हैं भेड़िए
यूपी वन निगम महाप्रबंधक संजय पाठक ने बताया कि भेड़ियों में बदला लेने की आदत होती है. अगर किसी ने उन्हें उनके घर या उनके बच्चों को नुकसान पहुंचाया है तो वह उसका बदला इंसानों से लेते हैं. अभी बहराइच में जो हमले हो रहे हैं, उसमें भेड़िए ज्यादतार इंसानों के बच्चों को ही निशाना बना रहे हैं. अब तक 8 बच्चों की जान भेड़ियों के हमले में जा चुकी है. उनका मानना है कि बाढ़ का पानी भर जाने के कारण आदमखोर भेड़ियों के बच्चों की मौत हो गई, जिसकी वजह से भेड़िये इन सब का जिम्मेदार इंसानों को मान रहे हैं और बदला ले रहे हैं.
बाढ़ में बह गए शावक
बहराइच मामले में वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसा माना जा रहा है कि किसी तरह इंसानों ने भेड़ियों के शावकों को नुकसान पहुंचाया होगा. इस वजह से ही भेड़िये इंसानों और खासकर बच्चों के खून के प्यासे बन गए हैं. अब जब रामुआपुर में भेड़ियों की मांद मिलने का दावा किया जा रहा है और ग्रामीणों का कहना है कि यहां बाढ़ के पानी में बह जाने से शावकों की जान चली गई होगी. ऐसे में भेड़िये इसके लिए भी इंसानों को जिम्मेदार मानकर बदला ले रहे हैं.