Advertisment

ऊर्जा मंत्री की बात को भी डॉक्टरों ने नहीं माना, घायल मरीजों को नहीं किया भर्ती

देश के गरीब परिवारों को बेहतर स्वास्थ्य और बेहतर वित्तीय सहारा सहारा देने के लिए केंद्र सरकार आयुष्मान भारत योजना लाई है.

author-image
Yogendra Mishra
New Update
ऊर्जा मंत्री की बात को भी डॉक्टरों ने नहीं माना, घायल मरीजों को नहीं किया भर्ती

घायलों से मिलते श्रीकांत शर्मा।

Advertisment

देश के गरीब परिवारों को बेहतर स्वास्थ्य और बेहतर वित्तीय सहारा सहारा देने के लिए केंद्र सरकार आयुष्मान भारत योजना लाई है. जिसके तहत प्रति परिवार हर साल पांच लाख रुपये का लाभ ले सकते हैं लेकिन ऐसी योजनाओं का क्या फायदा जब गरीब लोंगों को ज़िला अस्पताल भर्ती ही नहीं करेगा. ताज़ा मामला बहराइच से प्रकाश में आया है जहां टैम्पो पलट जाने के के कारण 6 लोग घायल हो गए. जिसमें एक दिन की बच्ची भी शामिल थी. उन सभी लोंगों को अस्पताल ने एडमिट करने से मना कर दिया, यह सवाल जब मीडिया ने सीएमएस के सामने रखा तो वह अपनी गलतियों पर पर्दा डालते दिखे.

यह भी पढ़ें- बिहार में दरोगा की गोली मार कर हत्या, कार्बाइन भी लूट ली

अस्पताल के प्रांगण में ज़मीन पर बैठे घायल परिवार ने ऊर्जा मन्त्री श्रीकान्त शर्मा को अपना दुखड़ा सुनाया फिर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई. अस्पताल का निरीक्षण करने आये मन्त्री जी निरीक्षण करके वापस चले गए. उसके बाद भी घायल वहीं बैठे रहे. 

देहात कोतवाली इलाके के हरिहरपुर रैकवारी की संगीता ने कल एक बच्ची को जन्म दिया था जिसको लेकर पूरा परिवार आज घर जा रहा था तभी रास्ते में टैम्पों पलट गया जिसमें एक ही परिवार के 6 सदस्यों को चोटें आई. घायलों को लेकर पूरा परिवार अस्पताल आया.

यह भी पढ़ें- बिहार : बम बनाने के दौरान विस्फोट में 1 की मौत, 4 घायल

अस्पताल में प्राथमिक उपचार तो कर दिया गया लेकिन भर्ती किसी को नहीं किया गया. फिर भी यह परिवार इस आस में घर वापस नहीं गया कि शायद किसी डॉक्टर के रहम आ जाये और कुछ देर बाद वह उसे भर्ती कर लें इसी आस में अभी भी पूरा परिवार इमरजेंसी गेट के सामने ज़मीन पर बैठा हुआ है.

यह भी पढ़ें- Uttar Pradesh: एटा में पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट, 6 लोगों की मौत, कई लोग घायल

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ डी के सिंह बार-बार अपना बयान बदल रहे हैं. उन्होंने बताया कि मेरे सामने यह परिवार आया था उसका उपचार किया गया लेकिन शायद परिवार के सदस्य एडमिट नहीं करना चाहते होंगें. फिर उन्होंने अपनी ही बात को काटते हुए कहा कि हल्की चोटें आई होंगी. जब उन्हें बताया गया कि परिवार भर्ती न किये जाने की शिकायत कर रहा है तो उन्होंने अस्पताल पर लोड अधिक का बहाना किया जबकि जब मन्त्री जी आये थे तो इमरजेंसी में मात्र दो लोग भर्ती थे.

Source : योगेंद्र मिश्रा

Ayushman Yojna hindi news Bahraich News uttar-pradesh-news
Advertisment
Advertisment
Advertisment