असारा गांव में प्रेम प्रसंग के चलते हुए चौहरे हत्याकांड के मामले में आखिरकार पीड़ितों का न्याय मिल गया है. अदालत ने इस मामले के नौ दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही प्रत्येक दोषी पर 25-25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है.
गौरतलब है कि, मामला 12 अगस्त 2012 का है, जब ग्राम असारा के निवासी मोहम्मद नसीम ने रमाला थाने में एक गंभीर मुकदमा दर्ज कराया. नसीम ने आरोप लगाया कि 11 अगस्त की रात को उनके परिवार ने अपने घर में सोते समय हमला कर दिया गया. आरोपियों ने घर में घुसकर न केवल संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, बल्कि परिवार के सदस्यों की जान भी ले ली.
यूं दिया वारदात को अंजाम
हत्याकांड की जानकारी के अनुसार, आरोपियों ने गर्भवती साजिदा को गोली मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया. साजिदा की हालत गंभीर होने के कारण उसे मेरठ के अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन अगले दिन उसकी मौत हो गई. इसके अलावा, आरोपितों ने नसीम के भाई इकलाख उर्फ काला, बहन गुलशाना, और मां शबीला पर धारदार हथियार से हमला किया और गोली मारी. नतीजतन, पिता अबलू हसन को गोलियों से भून दिया गया, जबकि पिता और बहन की मौके पर ही मौत हो गई. मां शबीला की मौत भी इलाज के दौरान हो गई.
पुलिस ने नामजद आरोपितों – शकील, अब्बास, इलियास, जाफर, शौकीन, मोहर्रम, सलीम, रणधीरा उर्फ रमजान, और दीपक उर्फ नसीब – के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. अदालत में 17 गवाहों की गवाही के बाद, सभी दोषियों को दोषी ठहराया गया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई. अदालत का यह फैसला पीड़ित परिवार के लिए न्याय की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिसने इस क्रूर हत्याकांड के लिए दोषियों को उचित सजा दिलाई है.