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Allahabad High Court( Photo Credit : File Photo)
सपा नेता पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खान के करीबियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के 72 ट्रस्टियों के खिलाफ दर्ज 27 प्राथमिकी में पुलिस द्वारा दाखिल चार्जशीट के खिलाफ ट्रस्टियों की याचिकाएं खारिज कर दीं. खारिज होने वाली याचिकाओं में आजम खान के खास सिपहसालार पूर्व सीओ आले हसन, जकी उर रहमान सिद्दीकी, नसीर अहमद खान जैसे 70 ट्रस्टी शामिल रहे. जस्टिस समित गोपाल ने यह आदेश पारित किया.
कोर्ट ने इन सभी याचिकाओं पर लंबी सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित कर लिया था. कोर्ट ने शुक्रवार को इस पर फैसला सुनाते हुए सभी याचिकाएं खारिज कर दी. अब मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के इन ट्रस्टियों के खिलाफ एमपी/ एमएलए रामपुर की कोर्ट में केस का ट्रायल चलेगा. कोर्ट के इस आदेश से सरकारी कार्रवाई की जीत मानी जा रही है. उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी का कहना था कि पूर्व मंत्री आजम खान के इशारे पर रामपुर में गरीब किसानों के साथ मारपीट व गलत मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर उनकी जमीन को जौहर विश्वविद्यालय के लिए कब्जा कर लिया गया. आज तक उस कब्जे को छोड़ा नहीं गया है.
यूपी सरकार व किसानों की ओर से रामपुर के अजीम नगर थाने 27 प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. इन सभी मुकदमों में विवेचना के बाद पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल कर दिया था, जिसे हाईकोर्ट में विभिन्न आधारों पर चुनौती दी गई थी. कोर्ट ने सभी 72 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की थी. कई हफ्ते की बहस के बाद कोर्ट ने 5 सितंबर 2022 को फैसला सुरक्षित कर लिया था. सभी आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट भारतीय दंड संहिता की धारा 447, 420, 120 बी, के अंतर्गत दाखिल की है.
Source : News Nation Bureau