जसप्रीत बुमराह ने इंग्लैंड के खिलाफ किया वो कारनामा, जो भारतीय इतिहास में कभी नहीं हुआ, बनाए बड़े-बड़े रिकॉर्ड
अमेरिका के बिना इजरायल ईरान के परमाणु संयंत्रों को नष्ट नहीं कर सकता था : विशेषज्ञ
चीन में माल का रेलवे परिवहन अधिक
'सांप पर भरोसा कर लेना, मगर इसपर मत करना', शतक लगाने के बाद भी बुरी तरह क्यों ट्रोल हो रहे हैं यशस्वी जायसवाल
जैकी श्रॉफ ने हेतल दवे की बायोपिक 'सूमो दीदी' को दिया अपना समर्थन
आदिवासी समुदाय को लेकर विजय देवरकोंडा ने दिया ऐसा बयान, SC/ST एक्ट के तहत केस हुआ दर्ज
ईरान छोड़ने वाले चीनी नागरिकों को वापस लाने की पहली अस्थायी उड़ान पेइचिंग पहुंची
शिकारी सांप के ऊपर मगरमच्छ का खतरनाक अटैक, तेजी से वायरल हो रहा है ये वीडियो
कनिष्क त्रासदी की 40वीं बरसी : कॉर्क में 329 पीड़ितों को याद करेंगे हरदीप पुरी

राम जन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष ने की अपील, कहा- इस बार न मनाएं 'शौर्य दिवस'

राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने अयोध्या में छह दिसम्बर को विवादित ढांचा विध्वंस की बरसी पर इस साल से 'शौर्य दिवस' नहीं मनाने की अपील करते हुए कहा कि अदालत से मंदिर निर्माण का रास्ता साफ होने के बाद अब 'खुशी और गम' जैसे कार्यक्रम

राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने अयोध्या में छह दिसम्बर को विवादित ढांचा विध्वंस की बरसी पर इस साल से 'शौर्य दिवस' नहीं मनाने की अपील करते हुए कहा कि अदालत से मंदिर निर्माण का रास्ता साफ होने के बाद अब 'खुशी और गम' जैसे कार्यक्रम

author-image
Vineeta Mandal
एडिट
New Update
राम जन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष ने की अपील, कहा- इस बार न मनाएं 'शौर्य दिवस'

Ayodhya Ram janmabhoomi t( Photo Credit : (सांकेतिक चित्र))

राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने अयोध्या में छह दिसम्बर को विवादित ढांचा विध्वंस की बरसी पर इस साल से 'शौर्य दिवस' नहीं मनाने की अपील करते हुए कहा कि अदालत से मंदिर निर्माण का रास्ता साफ होने के बाद अब 'खुशी और गम' जैसे कार्यक्रमों का कोई औचित्य नहीं है. महंत दास ने यहां एक बयान में कहा कि नौ नवंबर को देश की सबसे बड़ी अदालत ने श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया है. ऐसे मे छह दिसम्बर को "खुशी और गम" जैसे कार्यक्रमों का कोई औचित्य नहीं रह जाता.

Advertisment

और पढ़ें: बिहार के कतरनी और गोविंद भोग चावल से तैयार होगा अयोध्या में रामलला का भोग

उन्होंने कहा कि न्यायालय के फैसले के दौरान जिस प्रकार सभी देशवासियों ने एक साथ मिलकर सम्पूर्ण विश्व को शान्ति और आपसी समन्वय का संदेश दिया, ठीक उसी तरह आगामी छह दिसम्बर को भी हम किसी प्रकार के सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन कर तनाव का माहौल न बनने दें.

महंत ने कहा कि वर्ष 1528 की क्रिया में छह दिसंबर 1992 को प्रतिक्रिया हुई थी. अब दोनों तिथियों पर हुए घटनाक्रमों की पुनरावृत्ति राष्ट्र और समाजहित में नहीं होनी चाहिए. इस बीच, विश्व हिन्दू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि उनका संगठन भी अब छह दिसम्बर को 'शौर्य दिवस' नहीं मनाएगा.

ये भी पढ़ें: Ayodhya Case: जमीयत अगले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में दायर करेगी पुनर्विचार याचिका

मालूम हो कि छह दिसम्बर 1992 को विवादित ढांचा ढहाये जाने के बाद से विश्व हिन्दू परिषद समेत कई हिन्दू संगठन हर साल इस दिन 'शौर्य दिवस' मनाते रहे हैं.

वहीं, मुस्लिम संगठन इसे 'यौम—ए—गम' के तौर पर याद करते हैं. महंत दास ने कहा मंदिर निर्माण में इस्तेमाल होने वाली शिलाओं की नक्काशी के काम को जल्द ही तेज किया जायेगा. 'फिलहाल हमारा ध्यान अभी न्यायालय द्वारा केन्द्र सरकार को दिये गए निर्देशों पर केन्द्रित है.'

और पढ़ें: अयोध्या विवाद पर फैसला आने के बाद भी राम आंदोलन जारी, जानें क्यों

उन्होंने कहा कि अयोध्या के संत धर्माचार्यों मे ट्रस्ट संबंधित न्यायालय के निर्देश को लेकर किसी प्रकार का मतभेद नहीं है. वर्तमान सरकार पर सभी को भरोसा है. सभी संत भगवान श्रीराम लला को भव्य मंदिर में विराजमान कराने के लिये एकजुट हैं. 

Ram janmbhoomi Shaurya Divas babri-masjid ram-mandir Ayodhya Gopal Das Ram Janm Bhumi Nyas 6th December
      
Advertisment