logo-image

कचहरी सीरियल ब्लास्ट के फैसले पर वकीलों की नाराजगी, कहा- 'उम्रकैद नहीं, फांसी हो'

फैजाबाद कचहरी में हुए सीरियल ब्लास्ट के मामले में विशेष अदालत ने अपना फैसला सुनाया. इस फैसले को लेकर अधिवक्ता असंतुष्ट हैं. अधिवक्ताओं ने शनिवार को बार एसोसिएशन में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया.

Updated on: 21 Dec 2019, 05:53 PM

अयोध्या:

फैजाबाद कचहरी में हुए सीरियल ब्लास्ट के मामले में विशेष अदालत ने अपना फैसला सुनाया. इस फैसले को लेकर अधिवक्ता असंतुष्ट हैं. अधिवक्ताओं ने शनिवार को बार एसोसिएशन में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया. निर्णय लिया कि विशेष अदालत की ओर से कचहरी सीरियल ब्लास्ट मामले में सुनाई गई सजा पर्याप्त नहीं है. इस मामले के दोषियों को कम से कम फांसी होनी चाहिए. बार एसोसिएशन ने निर्णय लिया कि आरोपियों को फांसी की सजा होनी चाहिए. बार एसोसिएशन ने निर्णय लिया कि आरोपियों को फांसी की सजा दिलाने के लिए उच्च न्यायालय से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी.

यह भी पढ़ें- CAA पर UP में 10 दिसंबर से अब तक 124 FIR, 705 को जेल भेजा गयाः IG प्रवीण कुमार

इस कानूनी लड़ाई का खर्च एसोसिएशन की ओर से वहन किया जाएगा. अधिवक्ताओं ने इस बात को लेकर नाराजगी भी जताई कि एक आरोपी सज्जाद उर रहमान को निर्दोष बरी कर दिया गया. आपको बता दें कि शुक्रवार को 23 नवंबर 2007 को फैजाबाद कचहरी में हुए सीरियल बम धमाके के मामले में सजा सुनाई. इसी दिन वाराणसी और लखनऊ कचहरी में भी सीरियल बम धमाका हुआ था.

यह भी पढ़ें- CAA का विरोध : उत्तर प्रदेश के रामपुर में हिंसक प्रदर्शन, लोगों ने पुलिस पर किया पथराव, एक की मौत

विशेष अदालत ने सीरियल धमाके के आरोपियों में से एक सज्जाद उर रहमान को सबूतों के अभाव में निर्दोष करार दिया. जबकि ब्लास्ट के आरोपी मोहम्मद अख्तर उर्फ तारिक तथा तारिक काजमी को उम्र कैद की सजा सुनाई. फैसले के बाद आज जिला कचहरी में अधिवक्ताओं का जमावड़ा हुआ. उन्होंने न्यायालय की ओर से सुनाई गई सजा को नाकाफी बताया.