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मंदिर-मस्जिद विवाद: सीएम योगी आदित्यनाथ से मिले श्री श्री रविशंकर, कल जाएंगे अयोध्या

अयोध्या विवाद पर समझौते का रास्ता तलाश रहे आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक और आध्यातमिक गुरु श्री श्री रविशंकर बुधवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करेंगे।

Updated on: 15 Nov 2017, 12:51 PM

highlights

  • राम मंदिर मसले पर श्री श्री रविशंकर ने की योगी आदित्यनाथ से मुलाकात
  • विशंकर 16 नवंबर को अयोध्या जाकर राम मंदिर मामले से जुड़े सभी पक्षकारों से मुलाकात करेंगे

 

नई दिल्ली:

अयोध्या विवाद पर समझौते का रास्ता तलाश रहे आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक और आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने बुधवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की।

 

मुख्यमंत्री के सरकारी आवास 5 कालिदास मार्ग पर हुई इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है। श्री श्री रविशंकर ने मुलाकात के दौरान अयोध्या में राम मंदिर मुद्दे पर उनसे चर्चा की।

मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद श्री श्री रविशंकर अपने करीबी पंडित अमरनाथ मिश्र के आवास पर मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करने चले गए।

योगी ने मंगलवार को श्री श्री के अयोध्या विवाद में हस्तक्षेप की कोशिशों पर कहा था कि 'बातचीत को लेकर किया गया कोई भी प्रयास स्वागत योग्य है।'

योगी से मुलाकात के बाद रविशंकर 16 नवंबर को अयोध्या जाकर राम मंदिर मामले से जुड़े सभी पक्षकारों से मुलाकात करेंगे। सोमवार को अयोध्या पहुंचे उनके प्रतिनिधि भव्य तेज ने यह जानकारी दी। तेज के मुताबिक रविशंकर 16 नवंबर को सड़क मार्ग से अयोध्या पहुंचेंगे।

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तेज ने बताया कि उन्होंने हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों से मिलकर श्री श्री के अयोध्या दौरे के उद्देश्य के बारे में जानकारी दे दी है। श्री श्री रविशंकर 11 बजे अयोध्या पहुंचेंगे। वह सीधे मणिराम छावनी जाएंगे और राम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास से मुलाकात करेंगे।

इसके बाद वह न्यास के सदस्य डॉ. रामविलास वेदांती, मस्जिद के पैरोकार स्वर्गीय हाशिम अंसारी के बेटे इकबाल अंसारी से मुलाकात करेंगे। रविशंकर शिया वक्फ बोर्ड के प्रमुख वसीम रिजवी से मुलाकात कर चुके हैं।

वहीं सुन्नी वक्फ बोर्ड ने श्री श्री रविशंकर के समझौते की कोशिशों को सत्तारूढ़ दलों की साजिश बताते हुए कहा कि अयोध्या विवाद पर हमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए।

इस बीच रविशंकर की मध्यस्थता को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं।

अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि श्री श्री कोई संत नहीं हैं। वह एक एनजीओ चलाते हैं और वह बिना मतलब राम जन्मभूमि समझौते में पड़े हैं। राम मंदिर निर्माण उनकी हद के बाहर है।

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