बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार, वाराणसी से व्यापारिक संबंध ठप, करोड़ों की बनारसी साड़ी निर्यात को रोकीं

बांग्लादेश में तनाव और हिंदुओं पर अत्याचार के कारण साड़ी के लॉट के लॉट पड़े हुए हैं. काशी के साधु संत और व्यापारी सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. 

बांग्लादेश में तनाव और हिंदुओं पर अत्याचार के कारण साड़ी के लॉट के लॉट पड़े हुए हैं. काशी के साधु संत और व्यापारी सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. 

author-image
Mohit Saxena
एडिट
New Update
saree in banaras

varanasi (social media)

वाराणसी साड़ी उद्योग पर बांग्लादेश में हो रहे हिन्दुओं पर अत्याचार का असर देखने को मिला है. यहां से रोजाना पांच हजार से अधिक बनारसी साड़ी बांग्लादेश जाती थी जो अब पूरी तरह बंद है. साड़ी के लॉट के लॉट स्टॉक पड़े हुए हैं. मगर इसके बावजूद साड़ी व्यापारी बांग्लादेश से अब व्यापारिक सम्बंध नहीं रखना चाहते. काशी के साधु संत और व्यापारी भी सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे है.

Advertisment

बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद से वाराणसी के कारोबार पर बुरा असर पड़ा है. दरअसल, बनारसी साड़ियों की डिमांड बांग्लादेश में काफी अधिक है. इसके साथ ही   कृषि यंत्रों का भी निर्यात यहां से होता है. मगर मौजूदा हालत ने बनारसी साड़ी उद्योग को काफी नुकसान पहुंचाया है. बांग्लादेश में बनारसी साड़ी का खूब कारोबार होता है.  आपको बता दें ​कि कोलकाता के जरिए हर महीने 25 से 30 करोड़ का कारोबार बांग्लादेश में होता है. 

करोड़ों का माल फंसा हुआ है

यहां से साड़ियां कोलकाता जाती हैं. इसके बाद यहां के लिए निर्यात की जाती थीं. मगर वर्तमान हालात में हमारा लगभग करोड़ों का माल फंसा हुआ है. इसके साथ लाखों साड़ी का आर्डर कैंसिल हो चुका है. इसकी हमें बिल्कुल भी उम्मीद नहीं है कि अब इन माल की हमें कीमत मिल पाएगी. वर्तामान समय में भी ये कारोबार अनुकूल नहीं रहा है. .

साड़ियों में सबसे ज्यादा बनारस के लोहता में बनने वाली जाली वर्ग की साड़ी की डिमांड रहती है. जिनकी कीमत 500 से लेकर 700 रुपये तक होती है और साड़ी कारोबारी भी कहते है की भले ही हमें घाटा हो रहा है पर जो हिन्दुओं पर अत्याचार करेगा. हम उनके साथ व्यापार नहीं करेंगे ये साफ है.

अत्याचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे

व्यापारियों का साफ कहना है की भले साड़ियों का स्टॉक पड़ा है और हमारे पैसे भी फंसे हैं. बंगलादेश से भी कुर्ता पैंट सब आता है. अब हम कुछ न आयत करेंगे और न निर्यात करेंगे. मगर हम हिन्दुओं के साथ अत्याचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे.

दूसरी तरफ वाराणसी में साधू संत और पद्म पुरस्कार से सुसज्जित कलाकार और व्यापारी  भी आक्रोशित होकर प्रदर्शन करते नजर आए. इसके साथ इन सभी ने साफ किया की  ऐसे हालत में जब हिन्दुओं पर वहां अत्याचार हो रहा है तो ऐसे में हम व्यापारिक सहित कोई सम्बन्ध बांग्लादेश से नहीं रखेंगे और इसके अलावा भारत सरकार से इसमें दखल   देने की मांग करते हुए वाराणसी के जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया.

Bangladesh Crisis Update Newsnationlatestnews Bangladesh Bangladesh Crisis News newsnation Bangladesh Crisis
      
Advertisment