एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार करने वाले गिरोह के तीन सदस्य गिरफ्तार

सटीएफ उत्तर प्रदेश की जिला इकाई ने एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार कर खाता धारकों के खाते से रुपये निकालने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के तीन सदस्यों को शनिवार को यहां गिरफ्तार किया.

सटीएफ उत्तर प्रदेश की जिला इकाई ने एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार कर खाता धारकों के खाते से रुपये निकालने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के तीन सदस्यों को शनिवार को यहां गिरफ्तार किया.

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Vineeta Mandal
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एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार करने वाले गिरोह के तीन सदस्य गिरफ्तार

ATM card fraud( Photo Credit : (सांकेतिक चित्र))

एसटीएफ उत्तर प्रदेश की जिला इकाई ने एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार कर खाता धारकों के खाते से रुपये निकालने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के तीन सदस्यों को शनिवार को यहां गिरफ्तार किया. अपर पुलिस अधीक्षक (एसटीएफ) नीरज कुमार पांडेय ने बताया कि गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों की पहचान राजेश कुमार सिंह, जितेंद्र बहादुर सिंह और राकेश कुमार सिंह के रूप में की गई है और ये तीनों प्रतापगढ़ जिले के निवासी हैं.

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उन्होंने बताया कि इन तीनों अभियुक्तों के पास से एक लैपटॉप, दो मैग्नेटिक एटीएम कार्ड रीडर (क्लोन बनाने वाली मशीन), एक एटीएम कार्ड स्कैनर, विभिन्न बैंकों के 29 एटीएम कार्ड और एक स्विफ्ट कार बरामद की गई है. पांडेय ने बताया कि पिछले कुछ समय से एसटीएफ को एटीएम कार्ड की क्लोनिंग करने वाले गिरोह के बारे में सूचना प्राप्त हो रही थी.

आज मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि इस गिरोह के कुछ सदस्य पतंजलि स्कूल तिराहे पर खड़े हैं और एटीएम मशीन के पास लोगों को निशाना बनाने की फिराक में हैं. इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए एसटीएफ की टीम ने उक्त स्थान पर पहुंचकर तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया.

पांडेय के मुताबिक, 'पूछताछ करने पर इन अभियुक्तों ने बताया कि वे लोगों को झांसा देकर उनके एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार कर लेते हैं. वे आमतौर पर ऐसी एटीएम मशीन पर जाते हैं जहां गार्ड तैनात नहीं होता और पैसे निकालने वालों की भीड़ लगी होती है.'

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गिरोह के सदस्य ऐसे लोगों को निशाना बनाते हैं जो देखने में कम पढ़े लिखे या गांव के रहने वाले होते हैं. गिरोह के सदस्य ऐसे लोगों के पीछे खड़े हो जाते हैं और उनकी मदद करने के बहाने उनका कार्ड लेकर पहले से अपने पास छुपाई गई मशीन में स्कैन कर लेते हैं. वहीं दूसरा सदस्य कार्डधारक का पिन कोड देख लेता है.

उन्होंने बताया कि बाद में ये सदस्य स्कैनर मशीन को लैपटाप से जोड़कर संबंधित कार्ड का डेटा लैपटाप में ट्रांसफर कर लेते हैं और एटीएम कार्ड रीडर को लैपटाप से कनेक्ट कर किसी भी कार्ड को स्वैप कर क्लोन तैयार कर लिया जाता है. लैपटाप में कार्ड का डेटा रीड करने और क्लोन तैयार करने का साफ्टवेयर पहले से इंस्टाल रहता है. इसके बाद गिरोह के सदस्य इस कार्ड का उपयोग कर किसी भी एटीएम से पैसा निकाल लेते हैं.

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एसटीएफ ने इन तीनों अभियुक्तों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है. इनके खिलाफ कानपुर, उन्नाव, सुल्तानपुर के अलावा मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी मामले पंजीकृत हैं जिसका पता लगाया जा रहा है. 

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