Gyanvapi Case: ज्ञानवापी परिसर में ASI सर्वे जारी, IIT कानपुर के तीन विशेषज्ञ शामिल, SC में सुनवाई आज

Gyanvapi Case: गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सर्वे के पक्ष में अपना फैसला सुनाया था. कोर्ट ने सर्वे पर लगी रोक को हटा लिया था

Gyanvapi Case: गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सर्वे के पक्ष में अपना फैसला सुनाया था. कोर्ट ने सर्वे पर लगी रोक को हटा लिया था

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Mohit Saxena
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Gyanvapi Case( Photo Credit : social media )

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी परिसर का सर्वे सुबह 7 बजे से जारी है. इसको लेकर वाराणसी प्रशासन ने पक्षकारों और अधिवक्ताओं को पत्र भेजकर पहले से जानकारी दे दी थी. ASI की टीम 12 बजे तक सर्वे करने वाली है। इसके बाद नमाज के लिए परिसर को खाली कर दिया जाएगा। वाराणसी प्रशासन के अनुसार, इसके बाद ASI की टीम अगर चाहेगी तो शाम 3 बजे से  5 बजे तक दोबारा से सर्वे हो सकता है. मुस्लिम पक्ष ने ASI सर्वे से खुद को अलग-थलग कर लिया है. इस दौरान न तो उनके वकील और न ही कोई पक्षकार सर्वे के दौरान उपस्थित होगा। मुस्लिम पक्ष ने शासन को एक पत्र लिखकर बता दिया है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मामले में रोक लगाने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने तक वह इस सर्वे से दूर रहेगा. ASI सर्वे की टीम में IIT कानपुर के तीन विशेषज्ञ भी रहेंगे। 

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गौरतलब है कि गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सर्वे के पक्ष में अपना फैसला सुनाया था. कोर्ट ने सर्वे पर लगी रोक को हटा लिया था. कोर्ट ने जिला जज वाराणसी के 21 जुलाई 2023 के आदेश को बहाल कर दिया. इस दौरान कोर्ट ने दोनों पक्षों को आदेश का पालन करने का निर्देश दिया है. अदालत ने कहा कि पुरातत्व विभाग एवं एएसजीआई की ओर से साफ कहा गया है कि सर्वे के वक्त निर्माण को किसी तरह की कोई क्षति नहीं पहुंचेगी.

इससे संबंधित एक हलफनामा भी दाखिल किया गया है. इस बीच सर्वे की इजाजत देने के फैसले को चुनौती देते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ इस पर सुनवाई करेगी. 

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आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) से वैज्ञानिक सर्वे कराने के वाराणसी जिला जज के फैसले को कायम रखा है. अदालत ने कहा कि ​जिला जज का सर्वेक्षण कराने का आदेश विधि द्वारा सम्मत है. हालांकि मुस्लिम पक्ष ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने गुरुवार को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की याचिका को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, परिसर का एएसआई से वैज्ञानिक सर्वे करवाना उचित है. इसमें किसी तरह का दखल देना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि एएसआई का प्रस्तावित सर्वे न्याय हित में जरूरी है. एएसआई ने हलफनामा देकर कहा है कि सर्वे के दौरान ढांचे को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होगा. इस दौरान किसी तरह की खुदाई नहीं होगी. यह सर्वे बिना किसी नुकसान के किया जाएगा.  

 

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