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Asad Encounter: '...हम आंखों से ही धड़कन बढ़ा देते हैं' भोंदू से छोटा सांसद तक असद ने ऐसे खड़ा किया दहशत का साम्राज्य

Umesh Pal Murder Case : प्रयागराज में राजू पाल के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या करने के बाद अतीक अहमद और उसके परिवार की शामत आ गई है. अतीक अहमद और उसके भाई अरशद को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.

Updated on: 14 Apr 2023, 05:07 PM

प्रयागराज:

Umesh Pal Murder Case : प्रयागराज में राजू पाल के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या करने के बाद अतीक अहमद और उसके परिवार की शामत आ गई है. अतीक अहमद और उसके भाई अरशद को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. यूपी पुलिस ने गुरुवार को झांसी में अतीक के बेटे असद और शूटर गुलाम का एनकाउंटर कर दिया है. जब असद बहुत छोटा था तो उस दौरान गोल मटोल कद काठी की वजह से घरवाले उसे भोंदू कहते थे. धीरे-धीरे उसके दोस्त भी उसे भोंदू कहने लगे, लेकिन असद कैसे भोंदू से छोटा सांसद जी बन गया, यह कहानी बड़ी दिलचस्प है. (Umesh Pal Murder Case)

असद बचपन से ही था दबंग

पूर्वांचल के बाहुबली माफिया डॉन अतीक अहमद ने बचपन से ही कलम की जगह अपने बेटों को माउजर चलाना सिखा दिया था. हाल ही में असद का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो एक शादी समारोह में फायरिंग करता दिख रहा है. उस वक्त असद की उम्र सिर्फ 12 साल थी. अतीक के पांच बेटों में से असद तीसरे नंबर पर है. अतीक के पांचों बेटे प्रयागराज के नामी स्कूल सेंट जोसेफ में पढ़ते थे. अक्सर वे अपनी दबंगई से स्कूल में सहपाठियों और महिला शिक्षकों को परेशान और उनके साथ मारपीट भी करते थे. एक बार असद और उसके भाइयों ने स्कूल में खेल प्रतियोगिता में हारने के बाद अपने सहपाठियों के साथ ही मारपीट शुरू कर दी और इस दौरान जब स्कूल के शिक्षक और कर्मचारी बीच बचाव करने आए तो असद ने उनके साथ भी मारपीट की थी.

असद ने सेंट जोसेफ स्कूल में पढ़ाई के समय की फोटो में लिखा था कि लोग हथियार दिखाते हैं दहशत बनाने के लिए, हमारी आंखें ही काफी हैं तेरी धड़कन बढ़ाने के लिए. एक अन्य इंस्टाग्राम पोस्ट में असद ने लिखा था कि बस आदतें ही बुरी नहीं हैं हमारी बस, शौक भी नवाबों वाले हैं. कहा जाता है कि असद रोज किसी न किसी से मारपीट की घटना को अंजाम देता था. वह बचपन से ही दबंग स्वभाव था, अतीक की परवरिश ही ऐसी थी कि बेटे का दबंग बनना तय था.

असद जैसे-जैसे बड़ा हुआ, वह खतरनाक हथियार अपने पास रखने लगा. कई बार वह लोगों में दवाब बनाने के लिए खुलेआम हथियारों की नुमाइश करता था. जब असद घर के आसपास बमबाजी की घटनाएं सुनता और देखता तो उसे भी ये सब करने का मन करता, लेकिन अतीक उसे दूर रहने को कहता था.
बाद में असद का लगाव पिस्टल से बढ़ा और वह शूटर बन गया. उसके बाद अतीक ने उसे कभी नहीं रोका.

इस वर्ष असद ने लखनऊ के एक कॉलेज से 12वीं की परीक्षा दी थी. उसकी पढ़ाई में अच्छी थी, इसलिए उनसे आगे कानून की पढ़ाई करने का फैसला किया था. वह पढ़ाई करने के लिए विदेश जाना चाहता था. अतीक-अशरफ और उसके दोनों बड़े भाइयों के आपराधिक रिकॉर्ड के चलते उसका पासपोर्ट क्लियर नहीं हो सका था. 

जब भी अतीक राजनीति में अपने परिवार के किसी व्यक्ति को उतारना चाहता है तब एक खौफ पैदा करता है. जैसे खुद राजनीति में आया तब चांदबाबा हत्याकांड में उसका नाम आया. जब उसने भाई अशरफ को राजनीति में लॉन्च किया तब उसका नाम विधायक राजू पाल हत्याकांड में आया. अब वह अपने बेटे असद को राजनीति में लॉन्च करना चाहता था, इसलिए असद ने उमेश पाल की हत्या की.

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उमेश पाल मर्डर केस में सामने आई सीसीटीवी फुटेज में अतीक अहमद का बेटा असद देखा गया था. जब असद ने देखा कि गोली लगने के बाद उमेश पाल ने उस्मान को भी दबोच लिया है तो वह अपने को रोक नहीं सका और प्लान के विपरीत जाकर उमेश पाल पर ताबड़तोड़ कई फायर कर डाले.