'2027 की जनगणना में जाति जनगणना शामिल नहीं होने का तथ्य गलत, भ्रामक खबरों से बचें लोग'
बंगाल पोर्न रैकेट मामला : पीड़ित महिला का मोबाइल फोन आरोपी के घर से बरामद
अगले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चक्र में हम अच्छा प्रदर्शन करेंगे : धनंजय डी सिल्वा
गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी को अंतिम विदाई, अमित शाह ने दी श्रद्धांजलि
Kerala Lottery Result: केरल लॉटरी में जीते एक करोड़ का पुरस्कार, जानें पूरी लिस्ट
राजा रघुवंशी मर्डर केस से लेकर जनगणना अधिसूचना तक दिनभर के 10 बड़े अपडेट्स्
IND vs ENG: हेडिंग्ले क्रिकेट ग्राउंड में कैसा है भारत-इंग्लैंड का हेड टू हेड रिकॉर्ड? जानकर दुखी हो जाएंगे भारतीय फैंस
गॉल टेस्ट में श्रीलंका पर बढ़त बनाने की कोशिश में बांग्लादेश, मेहदी हसन पर नजर
मेयर राजा इकबाल ने 'आप' को बताया भ्रष्टाचारी, मानसून की तैयारियों पर दी जानकारी

भ्रष्टाचार मामले में यूपी के हेड कान्सटेबिल की अग्रिम जमानत मंजूर 

याची पर आरोप लगाया गया है कि वह एक अन्य सिपाही के साथ मिलकर ट्रकों को पास कराने के लिए पैसो की वसूली करता हैं.

याची पर आरोप लगाया गया है कि वह एक अन्य सिपाही के साथ मिलकर ट्रकों को पास कराने के लिए पैसो की वसूली करता हैं.

author-image
Ritika Shree
New Update
Allahabad high court

Allahabad high court( Photo Credit : न्यूज नेशन)

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार के एक मामले में पुलिस विभाग में तैनात हेड कान्सटेबिल को अग्रिम जमानत देते हुए कहा कि आपराधिक केस दर्ज होते ही अकारण गिरफ्तारी मानवाधिकारो का खुला उल्लंघन है. कोर्ट ने कहा कि मुकदमा दर्ज होने के बाद किसी की गिरफ्तारी का उपयोग अंतिम विकल्प व अपवाद स्वरूप किया जाना चाहिए. गिरफ्तारी करना जरूरी हो तभी इस शक्ति का प्रयोग किया जाना चाहिए. यही नहीं कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा जोगिन्दर कुमार केस में उल्लिखित नेशनल पुलिस कमीशन की तीसरी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारत में पुलिस द्वारा गिरफ्तारी ही पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार का मुख्य स्रोत है. यह आदेश जस्टिस सिद्धार्थ ने अलीगढ़ में तैनात हेड कान्सटेबिल जुगेन्दर सिंह की अग्रिम जमानत अर्जी को मंजूर करते हुए दिया है. याची हेड कान्सटेबिल के खिलाफ 7/13 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत मुकदमा थाना- देलही गेट, अलीगढ़ में सब इन्सपेक्टर ने दर्ज कराया है. याची पर आरोप लगाया गया है कि वह एक अन्य सिपाही के साथ मिलकर ट्रकों को पास कराने के लिए पैसो की वसूली करता हैं. इस घटना का वीडियो भी बनाकर वायरल हुआ. संज्ञान में आने पर विभाग ने मुकदमा दर्ज कराया है.

Advertisment

याची हेड कान्सटेबिल की तरफ वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम का तर्क था कि याची को गलत फंसाया गया है व लगाया गया आरोप झूंठा है. याची से न तो कोई पैसों की रिकवरी हुई है और न ही वायरल वीडियो की फोरेन्सिक जाँच करा कर इसके सत्यता की पुष्टि ही की गयी है. कह गया था कि पुलिस इस गलत प्राथमिकी के आधार पर याची को कभी भी गिरफ्तार कर सकती है . हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत की मांग की गई थी. इस अग्रिम जमानत अर्जी का अपर शासकीय अधिवक्ता ने विरोध कर कहा कि मामला गंभीर है. याची की गिरफ्तारी की आशंका निराधार है. काल्पनिक डर के आधार पर अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती.

हाईकोर्ट ने याची पर लगे आरोप, अपराध की प्रकृति तथा कोरोना संक्रमण की बढती दूसरी लहर एवं तीसरी लहर की संम्भावना पर विचार कर याची की अग्रिम जमानत की अर्जी को सशर्त मंजूर कर लिया. कोर्ट ने कहा कि याची के गिरफ्तारी की दशा में उसे  पुलिस रिपोर्ट का कोर्ट द्वारा संज्ञान लेने तक उसे 50 हजार के व्यक्तिगत बांड व इसी रकम के दो प्रतिभूति प्रस्तुत करने पर अग्रिम जमानत पर रिहा किया जाए. कोर्ट ने इस अग्रिम जमानत में याची को जाँच में  सहयोग करने समेत कई शर्तें लगाई है और कहा है कि इन शर्तों का याची के उल्लंघन करने पर जाँच अधिकारी अथवा सरकारी वकील अग्रिम जमानत को निरस्त कराने की अर्जी दे सकता है.

HIGHLIGHTS

  • गिरफ्तारी करना जरूरी हो तभी इस शक्ति का प्रयोग किया जाना चाहिए
  • संज्ञान में आने पर विभाग ने मुकदमा दर्ज कराया है

Source : News Nation Bureau

Allahbad high court bail granted Uttar Pradesh corruption case UP head constable
      
Advertisment