'घर वापसी' पर नहीं लागू होगा धर्मांतरण रोधी अध्यादेश, जानें क्या है नियम
अध्यादेश के उपधारा एक और दो के उल्लंघन के तहत उसे छह माह से लेकर तीन साल तक की जेल और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा भी मिलेगी. धर्म परिवर्तन करने वाले एक प्रारूप फॉर्म में अपने से जुड़ी घोषणा साठ दिन के अंदर डीएम के यहां देनी होगी.
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020 को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने शनिवार को मंजूरी दे दी है. राज्पाल की मंजूरी के बाद यह पूरे प्रदेश में लागू हो गया है. इस अध्यादेश के तहत कोई व्यक्ति यदि अपने पहले के धर्म में वापसी करता है तो यह उस पर लागू नहीं होगा. दरअसल, अध्यादेश में साफ है कि जबरन धर्मांतरण करवाने वाले पर जेल-जुर्माना तो होगा ही साथ ही उसे पीड़ित को पांच लाख रुपये तक की क्षतिपूर्ति भी देनी होगी. दोबारा अपराध करने पर सजा दोगुनी हो जाएगी. अध्यादेश के अनुसार, अगर कोई भी जबरन, लालच देकर, दबाव बनाकर या अपने प्रभाव में लेकर किसी का धर्म परिवर्तन करवाता है तो उसके खिलाफ पीड़ित के माता, पिता, भाई, बहन या कोई भी सगा या शादी संबंधी और गोद लिया हुआ शख्स एफआईआर दर्ज करवा सकता है. अध्यादेश की धारा तीन के तहत इस तरह के कृत्य को अपराध की श्रेणी में रखा गया है.
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अध्यादेश में साफ है कि जो भी शख्स अपनी इच्छा से धर्म परिवर्तन करना चाहता है उसे 60 दिन पहले डीएम या उनके द्वारा अधिकत किए गए एडीएम के यहां आवेदन करना पड़ेगा. कोई शख्स या संस्था जो धर्म परिवर्तन का आयोजन करवा रहे हों उन्हें एक महीने पहले इस मामले में डीएम या एडीएम के यहां जानकारी देनी होगी. इसके बाद डीएम के स्तर से पुलिस के जरिए धर्म परिवर्तन के कारण, किसी तरह के दबाव व प्रलोभन की जांच करवाई जाएगी.अगर कोई दबाव बनाकर, लालच देकर या अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके जिला प्रशासन को गलत सूचना देकर धर्म परिवर्तन करवा रहा होगा तो यह अवैध और शून्य हो जाएगा.
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धारा तीन के तहत अलग-अलग श्रेणियों में एक साल से लेकर 10 साल तक की सजा और 15 हजार से लेकर 50 हजार रुपये तक के जुर्माने की व्यवस्था की गई है. इस अध्यादेश के तहत कोर्ट को शक्ति दी गई है कि वह पीड़ित की क्षतिपूर्ति के लिए पांच लाख रुपये तक का हर्जाना देने का भी आदेश कर सकता है. यही नहीं एक से अधिक बार धर्मांतरण से जुड़ा अपराध करने पर दोगुनी सजा का भी प्रावधान किया गया है. अध्यादेश के उपधारा एक और दो के उल्लंघन के तहत उसे छह माह से लेकर तीन साल तक की जेल और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा भी मिलेगी. धर्म परिवर्तन करने वाले एक प्रारूप फॉर्म में अपने से जुड़ी घोषणा साठ दिन के अंदर डीएम के यहां देनी होगी.
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