समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और रामपुर से सांसद आजम खान की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. प्रशासन द्वारा भूमफिया घोषित किए जाने के बाद अब उनकी करोड़ों की जमीन का पट्टा भी निरस्त कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि इस कार्रवाई के बाद आजम खान के कब्जे से 140 बीघा जमीन बाहर हो जाएगी. यह जमीन कोसी नदी की है, जिस पर अभी जौहर यूनिवर्सिटी कैंपस बना हुआ है.
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उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार के वक्त आजम खान ने इस जमीन को साल 2013 में सिर्फ 60 रुपये के किराए पर 30 साल के लिए लीज पर लिया था. आरोप है कि आजम खान ने सत्ता में रहते तमाम नियम कानून को ताक पर रखा और रेत की जमीन को प्रशासन से यूनिवर्सिटी के लिए लीज पर लिया था.
हालांकि ये मामला एसडीएम कोर्ट पहुंचा था. पिछले महीने 6 जून को निरीक्षण के दौरान तहसीलदार ने यह मामला पकड़ा था. जांच में पाया गया कि यह सार्वजनिक उपयोग की भूमि है, लेकिन ये जमीन यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर है. इसके बाद जमीन के इस पट्टे को एसडीएम सदर की कोर्ट ने निरस्त कर दिया. कोर्ट ने जमीन को उसके मूल रूप में दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.
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गौरतलब है कि रामपुर में मौलाना मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की जमीनों को लेकर आजम खान के खिलाफ दर्ज कार्रवाई की जा रही है. हाल ही में उन्हें रामपुर जिला प्रशासन ने भूमाफिया घोषित किया था. इस मामले को समाजवादी पार्टी की ओर से दोनों सदनों में बड़ी जोर-शोर से उठाया गया. हालांकि इस मुद्दे पर सपा को अन्य विपक्ष दलों का साथ नहीं मिला. सपा ने आरोप लगाया कि आजम खान के परिवार को प्रताड़ित करने के लिए 26 एफआईआर दर्ज की गईं.
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