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लोकसभा चुनाव

सपा में रामगोपाल यादव की वापसी के क्या है मायने

समाजवादी पार्टी उपजीआपसी कलह का शिकार बने रामगोपाल यादव को पार्टी में वापस ले लिया गया है। राम गोपाल यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था।

Updated on: 18 Nov 2016, 09:14 AM

highlights

  • सपा में रामगोपाल यादव की वापसी
  • 6 साल के लिए पार्टी से कर दिए गए थे बाहर 
  • रामगोपाल के वापसी से अखिलेश यादव को मिलेगी मजबूती

नई दिल्ली:

समाजवादी पार्टी में उपजी आपसी कलह का शिकार बने रामगोपाल यादव को पार्टी में वापस ले लिया गया है। राम गोपाल यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था। 

सपा सुप्रीम मुलायम सिंह यादव ने रामगोपाल के निष्काशन को रद्द करते हुए उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव, राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के नेता और समाजवादी पार्टी के संसदीय दल के नेता का पद दोबारा दे दिया।

पार्टी में उनकी वापसी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिए अच्छी खबर है। उनके वापस आने से चाचा-भतीजे के लड़ाई में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को मजबूती मिलेगी। दोनो मिलकर आने वाले समय में सपा सुप्रीमों के सामने पार्टी से अन्य निकाले गए सदस्यों को वापस लेने का दवाब बना सकते हैं।

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सपा में कलह की एक बड़ी वजह टिकट बटवारे को लेकर रहा है। रामगोपाल हमेशा कहते रहें हैं कि टिकट बटवारे काअधिकार अखिलेश के पास हो। ऐसे में इस मुद्दे पर रामगोपाल की वापसी से अखिलेश का पक्ष मजबूत होगा।

समाजवादी पार्टी में चल रही वर्चस्व की लड़ाई की बात से पार्टी के सभी सदस्य इंकार करते रहें हैं। अब रामगोपाल यादव के वापस आने से पार्टी में आने वाले दिनों में अखिलेश और चाचा शिवपाल यादव के बीच खींचतान दिलचस्प हो जाएगा।